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माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या मामले में जेलर और डिप्टी जेलर बर्खास्त

जेलों में भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर शासन सख्त हो गया है और इस पर रोक लगाने के लिए भ्रष्ट...
माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या मामले में जेलर और डिप्टी जेलर बर्खास्त

जेलों में भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर शासन सख्त हो गया है और इस पर रोक लगाने के लिए भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। गुरुवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गृह विभाग की समीक्षा बैठक के बाद शासन ने शुक्रवार दोपहर एक जेलर और एक डिप्टी जेलर को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इस बाबत महानिदेशक जेल अरविंद कुमार ने आदेश जारी कर दिया है।

बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या और देवरिया जेल में पूर्व सांसद अतीक अहमद की गुंडई ने जेल प्रशासन की पोल खोल दी थी। इसके अलावा जेलों से वायरल हो रहे वीडियो भी जेल प्रशासन की कलई खोल रहे हैं। शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही शुरू की है और माना जा रहा है कि कई अन्य जेल अधिकारियों पर जांच पूरी होने के बाद जल्द ही कार्यवाही हो सकती है।

माफिया मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या के मामले में जेलर यूपी सिंह को बर्खास्त किया गया है। जांच में पाया गया है कि जेलर यूपी सिंह ने जेल में व्याप्त समस्याओं को दूर करने के लिए मात्र औपचारिकता के लिए लिखा पढ़ी की और इस बारे में कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया। जेल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के रूप में वह कर्मचारियों और बंदियों पर नियंत्रण अत्यंत शिथिल होने के साथ-साथ तालमेल और नेतृत्व क्षमता के अभाव के कारण जेल की प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त दुरुस्त करने में असफल रहे और घोर लापरवाही बरती गई।

इसके अलावा वह शासन के आदेशों का पालन कराने, बंदियों और अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण रखने, मुलाकातियों की तलाशी और अनाधिकृत मुलाकात रोकने में पूरी तरह से असफल रहे। जिस कारण बंदी सुनील राठी का प्रभुत्व जेल के कर्मचारियों पर स्थापित हो गया। बंदी सुनील राठी के मुलाकातियों और उनके द्वारा लाए गए समान की तलाशी नहीं कराई जाती थी। जिस कारण जेल में बेरोकटोक मुलाकातें होने और बंदियों, बैरकों, अहातों की नियमित तलाशी नहीं कराए जाने के कारण बंदी सुनील राठी के पास पिस्टल और कारतूस पहुंच सका।

यूपी सिंह को भलीभांति जानकारी थी कि बंदी सुनील राठी और प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी अत्यंत ही शातिर किस्म के बंदी हैं। इसके बावजूद उनके द्वारा इसे गंभीरता से न लेकर मुन्ना बजरंगी को बंदी सुनील राठी के अहाते में बंद कराकर घोर लापरवाही की गई। जिसकी परिणति के रूप में अनाधिकृत रूप से पहुंची पिस्टल से बंदी सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी।

इसके अलावा छह साल पुराने मामले में मेरठ जेल में हुए स्टिंग आपरेशन में डिप्टी जेलर डीके सिंह को सरकार ने बर्खास्त किया है। दो अक्तूबर 2013 को एक न्यूज चैनल ने मेरठ जेल में स्टिंग आपरेशन किया था, जिसमें बंदियों को अनाधिकृत रूप से सुविधा दिलाने के लिए डीके सिंह ने बातचीत की थी। जांच में आरोपों की पुष्टि हुई।

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