द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की वॉर्डन डॉक्टर सुरेखा तौमर ने लड़कियों के पीरियड्स की जांच करने के लिए उन्होंने 70 लड़कियों के जबरन कपड़े उतरवाए थे।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्र प्रकाश यादव ने बताया कि जांच में इस मामले में दोषी पाई गई वार्डन और स्टाफ के अन्य सदस्यों को बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्त होने वालों में तौमर के बाद वॉर्डन बनीं नीता चौधरी के अलावा तीन टीचर, दो कुक एक अकाउंटेंट और एक चपरासी शामिल है।
क्या था मामला?
बता दें कि 26 मार्च को केजीबीवी स्कूल के टॉयलेट गंदे मिलने के बाद तौमर ने लड़कियों के कपड़े उतरवा दिए थे। इसके बाद लड़कियों के परिजनों ने लइस घटना पर विरोध प्रदर्शन किया था। तत्कालीन डीएम दिनेश कुमार सिंह के हस्तक्षेप के बाद बीएसए ने वार्डन को हटा दिया था और आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने) के तहत खतौली पुलिस थाने में मामला दायर कराया था।
हालांकि तौमर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया। तौमर के मुताबिक स्कूल के टॉयलेट की दीवार और गेट पर खून के निशान मिले थे। इसके बाद लड़कियों से पूछा गया था कि क्या किसी को पीरियड्स में दिक्कत है। तौमर ने कहा कि यह स्कूल के अन्य कर्माचारियों की साजिश है वह मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं।