संभावना है कि राज्य विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक राजेश ताचो जैसे अन्य व्यक्तियों द्वारा दायर अन्य याचिकाओं के साथ ही तुकी की ताजा याचिका पर सुनवाई होगी। तुकी ने ताजा याचिका केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी के यह कहे जाने के बाद दायर की कि पूर्व की याचिकाओं में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को चुनौती नहीं दी गई है जो याचिकाओं के दायर होने के बाद लगाया गया था।
कल, अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का मुद्दा शीर्ष अदालत पहुंच गया जिसने यह कहते हुए राज्य में केंद्रीय शासन लगाए जाने की सिफारिश से संबंधित राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा की रिपोर्ट मांगी कि यह काफी गंभीर मामला है। पीठ ने अटार्नी जनरल से तब तकनीकी आपत्तियां नहीं उठाने को कहा जब वह अपने इस तर्क पर कायम रहे कि नियम नियम हैं और वे सभी पर समान रूप से लागू होते हैं। इसने राज्यपाल और केंद्रीय गृह मंत्रालय से शुक्रवार तक जवाब दाखिल करने की बात कहते हुए मामला एक फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया और तब तक याचिकाकर्ताओं को उनके आग्रह में संशोधन करने की अनुमति दे दी गई है। पीठ ने अपने अध्ययन के लिए राष्ट्रपति शासन लगाए जाने से संबंधित रिपोर्ट और सिफारिश को बंद लिफाफे में रखे जाने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, जब तक हमें राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने संबंधी आधार नहीं मिलता, हम आगे नहीं बढ़ सकते। इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, एमबी लोकुर, पीसी घोष और एनवी रमना भी शामिल हैं।