वह नई सरकार के गठन के मद्देनजर पीडीपी के पुनर्गठन के लिए पार्टी नेतृत्व के साथ भी बैठक करेंगी। इस संबंध में पीडीपी और भाजपा ने एक संयुक्त संदेश राज्यपाल एनएन वोहरा को भेजा। भाजपा ने भी अपने राष्ट्रीय महासचिव राम माधव के नेतृत्व में अपने पार्टी नेतृत्व की बैठक में शपथग्रहण की तारीख चार अप्रैल रखे जाने पर मुहर लगाई। राम माधव बैठक के लिए कल शाम यहां पहुंचे थे।
डॉ. निर्मल सिंह के आवास पर पार्टी कोर ग्रुप की बैठक हुई और मंत्रियों तथा पदों से संबंधित सूची को अंतिम रूप दिया। बीती रात एक विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले माधव ने संवाददाताओं से कहा कि दोनों दलों के नेताओं के बीच तीन दिन तक चली चर्चा में दोनों दलों के बीच के सभी मुद्दों का हल निकाल लिया गया है।
माधव ने कहा कि यह अच्छा है कि महबूबा राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। उन्होंने कहा, एक साफ छवि की, अच्छी और विकासोन्मुखी सरकार हमारी प्राथमिकता है।
महबूबा को पीडीपी विधायक दल का नेता चुने जाने के दो दिन बाद पीडीपी और भाजपा ने 26 मार्च को सरकार बनाने का दावा पेश किया था। अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद महबूबा पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार की मुख्यमंत्री बनने को लेकर अनिच्छा जताती रहीं। सईद एक मार्च 2015 से लेकर इस साल सात जनवरी को अपने निधन तक पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री रहे।
महबूबा पिछले साल दोनों दलों द्वारा तय किए गए गठबंधन एजेंडा, साझा न्यूनतम कार्यक्रम के क्रियान्वयन को लेकर केंद्र सरकार से आश्वासन मांगती रहीं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में विश्वास पैदा करने वाले कुछ कदमों की भी मांग की।
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 22 मार्च को हुई उनकी मुलाकात ने राज्य में सरकार गठन को लेकर दो महीने से चले आ रहे गतिरोध को तोड़ दिया।