नर्मदा सेवा यात्रा शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि इस कार्यक्रम में सभी को साथ लेकर चला जाएगा। यही नहीं शुभारम्भ कार्यक्रम में सभी बड़े नेताओं को बुलाने की भी तैयारी की गई थी। कार्यक्रम में प्रदेश के कई बड़े राजनीतिक चेहरे दिखाई दिए, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती कहीं नजर नहीं आईं।
इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान जब पत्रकारों ने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती से नर्मदा सेवा यात्रा में गैरमौजूद होने का कारण पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि मुझे बुलाया ही नहीं गया था। उमा ने साफ कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें इस कार्यक्रम के लिए बुलाया ही नहीं, जबकि कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा था कि इस कार्यक्रम में सभी को बुलाया जाएगा।
राजनीतिक हलकोंं में कयास लगाए जा रहे थे कि उमा भारती इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मौजूद रहेंगी। उमा भारती न सिर्फ मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री हैं, बल्कि केन्द्रीय नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री का पदभार भी संभाले हुए हैं। उमा भारती की निगरानी सीधे उस परियोजना पर है, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए काफी महत्वकांक्षी माना जाता है।
नदी संरक्षण पर राष्ट्रीय स्तर की परियोजना से जुड़े होने के कारण ये माना जा रहा था कि नर्मदा संरक्षण और संवर्धन से जुड़ी इस यात्रा में उमा आगे रहेंगी, हालांकि ऐसा हुआ नहीं।