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रोडरेज केस में सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जुर्माना लगाकर छोड़ा

पंजाब के कैबिनेट मंत्री एंव पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को 30 साल पुराने रोडरेज केस में सु्प्रीम...
रोडरेज केस में सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जुर्माना लगाकर छोड़ा

पंजाब के कैबिनेट मंत्री एंव पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को 30 साल पुराने रोडरेज केस में सु्प्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बरी कर दिया है। नवजोत सिंह सिद्धू और उनके एक साथी रुपिंदर सिंह संधू पर पार्किंग में एक बुजुर्ग के साथ मारपीट का आरोप था, जिसकी बाद में मौत हो गई थी।

इस मामले में पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू व उनके दोस्त को 3 साल कैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ नवजोत सिंह और रुपिंदर सिंह ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को इनकी याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ जज चेलेमेश्वर और संजय किशन कौल की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी।

कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत 

 

कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने ट्वीट करके कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। सिद्धू का इस केस में बरी होने से पता चलता है कि न्याय जीत गया है। उन्होनें कहा कि मैं हमेशा यह कहता था कि सिद्धू ने कुछ भी गलत नहीं किया था और अदालत ने बी इस बात को माना।

 

फैसले के बाद बोले सिद्धू

 

सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू पत्रकारों को संबोधित किया और अदालत का धन्यावाद किया। साथ ही सि्दधू ने कहा कि वो पंजाब के लोगों के आभारी हैं। उन्होनें कहा कि मेरी आखिरी सांस पंजाब के लोगों के लिए है। फैसला आने के बाद मैनें राहुल गांधी को मैसेज कर दिया है कि न्याय की जीत हुई है।

 

साल 1999 में निचली अदालत ने सिद्धू को बरी कर दिया था

निचली अदालत ने नवजोत सिंह सिद्धू को सबूतों का अभाव बताते हुए साल 1999 में बरी कर दिया था लेकिन पीड़ित पक्ष निचली अदालत के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गया। साल 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को तीन साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।

12 अप्रैल को सिद्धू को रोडरेज की घटना में दोषी बताया था

पंजाब में कांग्रेस की सरकार जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू मंत्री है, ने सुप्रीम कोर्ट में सजा बरकार रखने पर सहमति दी 12 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान सिद्धू को उस वक्त करारा झटका लगा था, जब राज्य सरकार ने पूर्व क्रिकेटर को हाईकोर्ट के फैसले मुताबिक रोडरेज की घटना में दोषी बताया था।

निर्दोष हूं और फंसाया जा रहा है: सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू ने याचिका में कहा था कि वह निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है। साथ ही कहा था कि इस मामले में कोई भी गवाह खुद से नहीं आया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सभी गवाहों के बयानों में विरोधाभास भी देखने को मिला है। इस पर पंजाब सरकार ने उन्हें दोषी बताते हुए कहा था कि उन्हें फंसाया नहीं जा रहा है।

क्या है मामला

मामला साल 1998 का है। सिद्धू का पटियाला में शैरावालीं गेट के पास स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की पार्किंग में गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई और बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था।

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