हरियाणा में एक साल तक कोई नई भर्ती नहीं होगी। इसके साथ ही राज्य के सरकारी कर्मचारियों को एलटीसी की सुविधा भी बंद कर दी है। डीए व इसके एरियर पर भी रोक लगा दी गई है। कर्मचारी चयन आयोग व हरियाणा लोक सेवा आयोग के जरिए पहले से चली आ रही भर्तियों को ही पूरा किया जाएगा। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अगले एक साल तक कोई नई भर्ती नगीं करने के फैसले को गलत बताते हुए कहा कि सरकार को भर्ती निकालनी चाहिए।
राज्य सरकार ने कोरोना से उपजे वित्तीय संकट के मद्देनजर नई सरकारी भर्तियों पर एक साल के लिए रोक लगाने का निर्णय लिया है। सरकार नई भर्ती कर वित्तीय संकट को और नहीं गहराना चाहती। कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों को यात्रा करने पर मिलने वाला भत्ता भी आगामी आदेशों तक नहीं मिलेगा। इसके अलावा विभाग कोई नया खर्च नहीं करेंगे। सरकार ने सभी विभागों, आयोग, बोर्ड व निगमों के नए खर्चों पर भी रोक लगा दी है।
वित्तीय स्थिति को पटरी पर लाना मकसद
सरकार की प्राथमिकता कोरोना से निपटने के साथ ही प्रदेश की वित्तीय स्थिति को पटरी पर लाना है। सरकार सभी अनावश्यक खर्चों पर भी रोक लगाने जा रही है। इसके पीछे मकसद प्रदेश को और वित्तीय बोझ तले न दबाना है। सरकार को अभी तक कोरोना के कारण लगभग 5000 करोड़ से ज्यादा वित्तीय नुकसान हो चुका है।
केंद्र सरकार की तर्ज पर डीए भी रोका
केंद्र सरकार के कर्मचारियों का डीए जुलाई 2021 तक रोके जाने की तर्ज पर ही हरियाणा सरकार भी आगे बढ़ेगी। प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का डीए भी एक साल के लिए रोक दिया गया है। एक साल के बाद इसे सुचारू किया जाएगा। एक साल के डीए का एरियर भी कर्मचारियों को नहीं मिलेगा।
आखिर कैसे मिलेगा प्रदेश के युवा को रोजगारः हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अगले एक साल तक कोई नई भर्ती न करने के प्रदेश सरकार के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा का युवा पिछले काफी समय से लगातार पूरे देश में सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी की मार झेल रहा है। कोरोना की मार पड़ने से पहले ही प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा 28 फ़ीसदी की उच्च दर तक पहुंच चुका था। कोरोना के बाद ये आंकड़ा और बढ़ने की आशंका है। ऐसे में अगर सरकारी भर्तियां भी बंद हो गई, तो प्रदेश के युवा को रोज़गार कैसे मिलेगा?
हुड्डा ने कहा कि कोरोना के मुश्किल दौर में सरकार के विभिन्न विभागों से जुड़े कर्मचारी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। उनके वेतन और भत्तों में कटौती के बावजूद वो अपना फर्ज़ निभा रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वो कर्मचारियों का हौसला बढ़ाए और विभिन्न सरकारी महकमों में बढ़ते जा रहे बैकलॉग को जल्दी से जल्दी भरे।