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राजा रघुवंशी हत्याकांड में नए खुलासे: राज कुशवाहा निकला मास्टरमाइंड, सोनम थी पार्टनर, जानें पूरी प्लानिंग

इंदौर के व्यवसायी राजा रघुवंशी की हत्याकांड को लेकर नए और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस के...
राजा रघुवंशी हत्याकांड में नए खुलासे: राज कुशवाहा निकला मास्टरमाइंड, सोनम थी पार्टनर, जानें पूरी प्लानिंग

इंदौर के व्यवसायी राजा रघुवंशी की हत्याकांड को लेकर नए और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस के मुताबिक राज इस हत्या का मास्टरमाइंड था जबकि सोनम ने उसका पूरा साथ दिया। राजा के हत्यारों की योजना किसी भी महिला की हत्या कर उसके शव को जलाने की थी, ताकि वह उसकी पत्नी सोनम का शव बताकर कुछ और दिन तक छिपी रह सके।

पुलिस को यह भी पता चला कि सोनम का प्रेमी राज कुशवाह हत्या की साजिश का मास्टरमाइंड था और वह सह-साजिशकर्ता थी।

इंदौर के व्यवसायी की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए सोनम, उसके संदिग्ध प्रेमी राज और तीन अन्य लोगों से पूछताछ के पहले दिन यह भी पता चला कि वह मेघालय से बुर्का पहनकर भागी थी और टैक्सी, बस और ट्रेन जैसे परिवहन के विभिन्न साधनों का उपयोग करके मध्य प्रदेश के इस शहर में पहुंची थी।

पूर्वी खासी हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक विवेक सायम ने पीटीआई-भाषा को बताया कि राजा की हत्या की साजिश 11 मई को सोनम के साथ उसकी शादी से ठीक पहले इंदौर में रची गई थी और इसका मास्टरमाइंड राज है, जबकि महिला ने साजिश के लिए सहमति जताई थी।

शादी के कुछ दिनों बाद, राजा (29) और सोनम (24) मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले के खूबसूरत सोहरा में आए और 23 मई को लापता हो गए। 2 जून को उनका शव वेइसाडोंग फॉल्स के पास एक घाटी में मिला, जबकि सोनम की तलाश जारी रही। वह 9 जून की सुबह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में लगभग 1,200 किलोमीटर दूर निकली और आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने उसके प्रेमी राज कुशवाह और तीन अन्य - विशाल, आकाश और आनंद को भी गिरफ्तार किया है - जिन पर अब तक सुपारी किलर होने का संदेह था।

सायम ने कहा, "तीनों युवक मित्र थे और उनमें से एक राज का चचेरा भाई था। यह कोई सामान्य अनुबंध हत्या नहीं थी। हां, योजना हत्या की थी और उन्होंने अपने मित्र राज पर एहसान जताने के लिए ऐसा किया।"

उन्होंने बताया कि राज ने उन्हें खर्च के लिए 50,000 रुपये दिए थे। इसकी योजना फरवरी में इंदौर में शुरू हुई थी और उन्होंने सोचा था कि राजा की हत्या के बाद सोनम कैसे गायब हो जाएगी।

पुलिस अधिकारी ने कहा, "एक योजना लोगों को यह विश्वास दिलाने की थी कि वह नदी में बह जाएगी। दूसरी योजना किसी अनजान महिला की हत्या कर उसे दोपहिया वाहन में डालकर शव को जलाने और यह दावा करने की थी कि यह सोनम का शव है। हालांकि, कोई भी योजना सफल नहीं हुई।"

उन्होंने कहा, "यह समूह नव-विवाहित जोड़े के 19 मई को असम पहुंचने से कुछ दिन पहले आया था और उन्होंने पहले गुवाहाटी में कहीं राजा की हत्या करने की योजना बनाई थी। जब किसी कारणवश यह योजना सफल नहीं हुई तो सोनम ने शिलांग और सोहरा जाने की योजना बनाई और सहमति के अनुसार सभी नोंग्रियाट में मिले।"

सायम ने बताया कि वे लोग एक साथ वेइसाडोंग जलप्रपात के लिए निकले और वहां तीनों ने असम से खरीदी गई कुल्हाड़ी से राजा पर हमला कर दिया तथा दोपहर 2 बजे से 2.18 बजे के बीच सोनम के सामने उसकी हत्या कर दी तथा शव को एक खाई में फेंक दिया।

उन्होंने कहा, "सोनम ने अपनी पहनी हुई रेनकोट आकाश को दे दी क्योंकि उसकी शर्ट पर खून के धब्बे थे। वे स्कूटर से वेइसाडोंग से चले गए और आकाश ने बाद में रेनकोट फेंक दिया क्योंकि उस पर भी खून के धब्बे थे। एसपी ने बताया कि उन्होंने सोनम और राजा द्वारा किराए पर लिया गया दोपहिया वाहन भी एक जगह छोड़ दिया। जब सोनम के लापता होने की बात सामने आई तो पुलिस ने रेनकोट और दोपहिया वाहन बरामद कर लिया।"

उन्होंने कहा, "राज ने विशाल को एक बुर्का दिया था, जिसे उसने सोनम को सौंप दिया है। उसने इसे पहना, पुलिस बाज़ार गई और टैक्सी लेकर गुवाहाटी चली गई। गुवाहाटी से वह बस से सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल में) पहुंची। वहां से वह पटना और आरा जाने के लिए बस से गई और लखनऊ के लिए ट्रेन में सवार हुई। लखनऊ से सोनम बस लेकर इंदौर पहुंची।"

इस बीच, मेघालय मीडिया ने एक टूर गाइड से बातचीत की, जिसने बताया कि उसने सोनम और राजा को तीन लोगों के साथ देखा था। राज ने सोनम से कहा कि वह इंदौर छोड़कर सिलीगुड़ी में कहीं चली जाए और खुद को अपहरण का शिकार बताए।

लेकिन 8 जून को जब सोनम इंदौर से निकली तो मेघालय से दो पुलिस टीमें सिविल ड्रेस में यूपी और मध्य प्रदेश पहुंच गईं।

सायम ने कहा, "जब उत्तर प्रदेश में पहली गिरफ्तारी (आकाश) हुई, तो राज घबरा गया और उसने सोनम से कहा कि वह जहां कहीं भी हो, अपने परिवार को फोन करे और उन्हें बताए कि वह अपहरण गिरोह से बचकर भागी है। इस तरह गाजीपुर में यह पूरा मामला प्रकाश में आया।"

उन्होंने सोचा था कि राजा का शव नहीं मिलेगा क्योंकि वह बहुत दूर था और पुलिस जांच में एक से दो महीने लग जाएंगे। इसलिए उसने पीड़ित कार्ड खेलने का सोचा।

सायम ने कहा, "हम उनके बयान दर्ज कर रहे हैं। हम उनसे पूछताछ कर रहे हैं। एक बार जब हमें स्पष्ट तस्वीर मिल जाएगी - जैसा कि आरोपियों ने अलग-अलग रखा है - तो हम सबूत इकट्ठा करेंगे और अपराध स्थल का पुनर्निर्माण करेंगे।"

अधिकारी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि पुलिस अनिवार्य 90 दिनों के भीतर मामले में आरोप पत्र दाखिल कर देगी।

बुधवार को सभी पांचों को आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस उप महानिरीक्षक डीएनआर मराक ने पीटीआई को बताया कि हत्या की जांच कर रही एसआईटी मामले में सभी सबूतों को जोड़ने के लिए असम और अन्य राज्यों की पुलिस से सहायता मांग रही है। उनके अनुसार, पुलिस इस बात की पुष्टि कर रही है कि क्या उनमें से किसी ने पहले सोहरा और नोंग्रियाट के जंगलों की रेकी की थी। 

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