बिहार की नीतीश सरकार ने मुजफ्फरपुर स्थित शेल्टर होम केस में 29 बच्चियों से रेप मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने इस बाबत गुरुवार को वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है।
पुलिस महानिदेशक के. एस. द्विवेदी ने बताया कि बिहार सरकार ने मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में लड़कियों के यौन उत्पीड़न मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है। इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बिहार सरकार, राज्य पुलिस प्रमुख को इस मामले में नोटिस भेजा है।
सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन बनाया जा रहा भ्रम का वातावरण
अधिकरिक बयान के मुताबिक, इस मामले की जांच पुलिस मुस्तैदी से कर रही है। सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन एक भ्रम का वातावरण बनाया जा रहा है। भ्रम का वातावरण नहीं बने, इसलिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रधान सचिव को तत्काल इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है।
विपक्ष लगातार उठा रहा था इस मामले की सीबीआई जांच की मांग
इस घटना को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहा था। इसे लेकर विधानमंडल के दोनों सदनों में भी कार्यवाही बाधित की जा रही थी।
इस मामले में अब तक 10 लोगों को किया गया गिरफ्तार
दरअसल, इस मामले का खुलासा तब हुआ जब मुंबई की संस्था टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइसेंस की टीम ने बालिका गृह के सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यौन शोषण का उल्लेख किया। इसके बाद मुजफ्फरपुर महिला थाने में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके बाद लड़कियों के चिकित्सकीय जांच में भी यहां की 41 लड़कियों में से 29 लड़कियों के साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि हुई थी। इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इस मामले में गिरफ्तार किए जाने वाले मुजफ्फरपुर बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 10 आरोपियों किरण कुमारी, मंजू देवी, इन्दू कुमारी, चन्दा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, विकास कुमार एवं रवि कुमार रौशन का नाम शामिल है। एक अन्य फरार दिलीप कुमार वर्मा की गिरफ्तारी के लिए इश्तेहार दिए गए हैं और कुर्की की कार्रवाई की जा रही है ।