राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने आज हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के बेटे सैयद शाहिद यूसुफ के सेंट्रल कश्मीर के बडगाम के सोइबग स्थित आवास पर तलाशी ली। इस दौरान पांच मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।
शाहिद को एनआइए ने 24 अक्टूबर को कश्मीर घाटी में गड़बड़ी फैलाने के लिए धन लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह अभी सात दिन के लिए एनआइए की हिरासत में है। एनआइए के अनुसार, जम्मू कश्मीर सरकार के कृषि विभाग में काम करने वाले 42 वर्षीय शाहिद ने उन लोगों के नाम बताएं हैं जो विदेश से आतंकी संगठनों के लिए धन जमा करते हैं। शाहिद ने यह भी स्वीकार किया कि उसने घाटी में आतंकवादी गतिविधियां चलाने के लिए अपने पिता के निर्देश पर हिज्बुल कैडरों से धन प्राप्त किए।
इससे पूर्व बुधवार को दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2011 के आतंकी वित्त पोषण के एक मामले में, सैयद शाहिद यूसुफ को आज सात दिन के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( एनआईए ) की हिरासत में भेज दिया। एनआईए का आरोप है कि शाहिद यूसुफ को अमेरिका स्थित एक ‘अंतरराष्ट्रीय धन अंतरण कंपनी’ के जरिये एजाज अहमद भट से रकम प्राप्त हुई। एजाज इस मामले में एक अन्य आरोपी है और फरार है। बताया जाता है कि एजाज फिलहाल सऊदी अरब में रह रहा है।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि यूसुफ ‘‘भट के कई भारतीय संपर्कों में से एक है’’ जो धन अंतरण कोड्स के जरिये रकम हासिल करने के लिये टेलीफोन पर उसके संपर्क में रहता था। एनआईए ने दावा किया कि इस तरह से अब तक यूसुफ आठ अंतरराष्ट्रीय धन अंतरण के जरिये करीब साढ़े चार लाख रूपये ले चुका है।
एनआईए द्वारा अप्रैल 2011 में दर्ज किया गया मामला दिल्ली के रास्ते हवाला के जरिये पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर में रकम के स्थानांतरण से जुड़ा है । एजेंसी का दावा है कि इस रकम का उपयोग आतंकी वित्त पोषण और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया गया।