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केरल में 'निफा वायरस' का कहर, अब तक 16 लोगों की मौत

केरल के कोझिकोड जिले में घातक और दुर्लभ वायरस की चपेट में आकर 16 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही, वायरस की...
केरल में 'निफा वायरस' का कहर, अब तक 16 लोगों की मौत

केरल के कोझिकोड जिले में घातक और दुर्लभ वायरस की चपेट में आकर 16 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही, वायरस की चपेट में आए छह लोगों की हालत नाजुक है। ऐसे 25 मरीजों को निगरानी में रखा गया है।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक के बाद बताया कि केरल में नौ लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 3 की मौत निफा वायरस से हुई है।  

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केरल में तेज बुखार की चपेट में आने से 9 लोगों की मौत हो गई। इनमें से 2 की मौत निपाह वायरस के संक्रमण से हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अन्य 7 लोगों को सैंपल टेस्ट के लिए भेज गया है। मामले की जांच के लिए जांच बलों की नियुक्ति भी की गई है।

एक दुर्लभ वायरस है ये

मणिपुर लैब में हुए टेस्ट से यह खुलासा हुआ है कि एक दुर्लभ वायरस, जो आमतौर पर राज्य में नहीं पाया जाता, इन मौतों का जिम्मेदार है। सैंपल पुणे के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजे गए हैं, जिससे वायरस की सटीक जानकारी मिल सके। पुणे लैब से नतीजे जल्द ही मिलेंगे।

नड्डा ने केरल के हालातों का लिया जायजा

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने स्वास्थ्य सचिव के साथ रविवार को केरल के हालातों का जायजा लिया था। जिसके बाद उन्होंने नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल के निदेशक को निर्देश दिया कि वे प्रभावित जिलों का दौरा कर आवश्यक कदम उठाएं।

केरल पहुंची डॉक्टरों की टीम

इसके साथ ही, निफा वायरस के कहर से जूझ रहे राज्य के हालातों का जायजा लेने के बाद जेपी नड्डा ने डॉक्टरों की एक उच्च स्तरीय टीम बनाने का निर्देश दिया। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक के तहत टीम केरल पहुंच गई है। केरल स्वास्थ्य विभाग के साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय लगातार संपर्क में है।

केंद्र से मांगी गई मदद

लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने विषाणु के प्रकोप को रोकने के लिए केंद्र से मदद मांगी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को लिखे पत्र में रामचंद्रन ने कहा कि उनके लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वताकरा में कुट्टियाडी और पेरम्ब्रा सहित कुछ पंचायत क्षेत्र घातक विषाणु की चपेट में हैं।

सांसद ने बताया कि कुछ डॉक्टर ने बताया है कि यह निपाह नाम का विषाणु है, जबकि अन्य डॉक्टरों ने इसे जूनोटिक वायरस बताया है, जो घातक है और तेजी से फैलता है। रामचंद्रन ने पत्र में कहा है, ‘विषाणु की चपेट में आए लोगों की मृत्यु दर 70 प्रतिशत होती है। बीमारी को बढ़ने से रोकने की जरूरत है।’

जानिए क्या है निपाह वायरस

यह वायरस इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। यह पहली बार 1998 में मलेशिया के कांपुंग सुंगई में फैला था। जिसका असर सबसे ज्यादा सुअर में देखा गया। इसके बाद साल 2014 में बांग्लादेश में इंसानों में यह फैला था। यह वायरस आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच जाता है। इससे पीड़ित लोगों को सांस लेने में समस्या होती है। इसके बाद इंसेफ्लाइटिस के शिकार हो जाते है।

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