इस्तीफे के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, 'मैंने अपनी अंतरात्मा की बात सुनी। इन परिस्थितियों में काम करना असंभव हो गया था।' उन्होंने यह भी कहा कि जितना हो सकता था गठबंधन धर्म का पालन किया।
Nitish Kumar resigns as Chief Minister of Bihar। pic।twitter।com/T44tN3cNiY— ANI (@ANI_news) July 26, 2017
उन्होंने आगे कहा कि हमने जनता के हित में काम किया। लगातार बिहार के लिए काम करने की कोशिश की। हमने तेजस्वी से इस्तीफा नहीं मांगा, लेकिन लालू और तेजस्वी से यही कहा कि जो भी आरोप लगे हैं, उसे साफ करें। स्पष्टीकरण करना बहुत जरूरी है, लेकिन वो भी नहीं हो पा रहा है। तेजस्वी पर आरोपों से गलत धारणा बन रही है। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष से हमने कहा कि कुछ तो ऐसा करिए जिससे रास्ता निकले, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था।
इससे पहले बुधवार शाम को नीतीश के सरकारी आवास पर जदयू विधायक दल की बैठक शुरू हुई। इस बैठक में तमाम विधायकों और विधान पार्षदों ने हिस्सा लिया। इसके बाद नीतीश कुमार बिहार के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से मिलने पहुंचे और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा।
बता दें कि बुधवार को हुई विधायकों की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) महागठबंधन तोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा था कि अमित शाह ने कहा है कि भाजपा की हर राज्य में सरकार होगी। ऐसे में उनकी कोशिश है कि गठबंधन टूटे।
उधर, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भी तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर साफ कहा था कि नीतीश कुमार ने इस्तीफा नहीं मांगा और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि उनकी और तेजस्वी यादव की सीएम नीतीश से बातचीत हुई है।
लालू प्रसाद ने ये भी कहा था कि नीतीश कुमार को मैंने सीएम बनाया अगर बोझ नहीं ढो सकते तो वो समझें। लालू ने कहा कि नीतीश से लगातार उनकी बात होती है। नीतीश कुमार ने मुझसे और तेजस्वी दोनों से कहा है कि उन्होंने इस्तीफे की मांग नहीं की है। महागठबंधन की सरकार पांच साल के लिए हैं। राजद-जदयू में कोई दरार नहीं है। मनमुटाव की खबरें बस मीडिया का करा धरा है।