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मेडिकल कालेज में नहीं थी एंबुलेंस, एएमयू के प्रोफेसर की गई जान

उत्तर प्रदेश की चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था का हाल बेहाल है। यहां कमजाेेर तबके के अलावा अन्‍य वर्गों के लोगों को भी बदहाल चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था का शिकार होना पड़ता है। ताजा वाकया है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का, जहां के एक प्राेफेसर की समय पर एंबुलेंस नहीं मिलनेे पर मौत हो गई।
मेडिकल कालेज में नहीं थी एंबुलेंस, एएमयू के प्रोफेसर की गई जान

 

अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में समय पर एम्बुलेंस नहीं उपलब्‍ध हुई। सबसे आश्‍चर्यजनक तथ्‍य यह है कि प्रोफेसर को एंबुलेंस छह घंटेे तक नहीं मिली और बाद में कागजी कार्यवाही सहित अन्‍य लापरवाही की वजह से प्रोफसर की दर्दनाक मौत हो गई।

प्रोफेसर डी मूर्ति को पेट में दर्द की शिकायत के बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। आनन-फानन में डॉक्टरों ने मूर्ति का ऑपरेशन कर दिया। आपरेशन के बाद सोमवार सुबह प्रोफेसर की हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ गई। हालात बिगड़ते देख डॉक्टरों उन्हें दिल्ली के लिए रेफर कर दिया।  

लेकिन जेएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन की तरफ से छह घंटे तक एम्बुलेंस नहीं मिल सकी। नाजुक हालत में प्रोफेसर डी मूर्ति ने शाम को दम तोड़ दिया। प्रोफेसर डी मूर्ति तमिलनाडु के रहने वाले थे और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में माडर्न इंडियन लैंग्वेज डिपार्टमेंट के चेयरमैन थे।
 
मूर्ति कैंसर के मरीज थे। रविवार को उनका आपरेशन हुआ था। लेकिन मंगलवार आनी 25 अक्टूबर को उनकी हालत अचानक बिगड़ गई। यूनिवर्सिटी में मौजूद डॉक्टर ने उन्हें दिल्ली शिफ्ट करने की सलाह दी। अधिकारियों का आरोप है कि कागजी कार्यवाही के चलते एंबुलेंस का प्रबंध नहीं किया जा सका। यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता एस पीरजादा ने कहा कि एक एंबुलेंस तक मुहैया नहीं करवाई जा सकी। 

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