अखिलेश और मायावती सीएम पद की पहली पसंद
ओपिनियन पोल के मुताबिक मुख्यमंत्री के रूप में लोगों की पहली पसंद अखिलेश और मायावती दोनों हैं। दोनों को 34 फीसदी लोगों का वोट मिला है। ओपिनियन पोल के मुताबिक अखिलेश सरकार से करीब 61 प्रतिशत जनता संतुष्ट है। सीटें किसे ज्यादा मिलेंगी इसमें सपा और भाजपा में कड़ी टक्कर है। भाजपा की सीटों में बढ़ोतरी होती दिख रही है। कानून और व्यवस्था पर उठते रहे सवालों के बावजूद यूपी की जनता की पहली पसंद अखिलेश सराकार बनी हुई है। सर्वे में जनता से मुख्यमंत्री के रूप में पहली पसंद, सवर्ण, दलित, ओबीसी, यादव, मुस्लिम वोटर का रूख जानने की कोशिश की गई। किस इलाके में कौन सी पार्टी आगे रहेगी? प्रियंका के आने से कांग्रेस को क्या फायदा होगा? सबसे अधिक सीटें किसे मिलेंगी? ऐसे सवालों का जवाब भी तलाशने की कोशिश की गई है। भाजपा अभी मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार को चयन नहीं कर पाई है। अखिलेश और मायावती के बाद लोगों की तीसरी पसंद गृह मंत्री राजनाथ सिंह हैं। सात फीसदी वोटर राजनाथ सिंह को यूपी की कमान संभालते देखना चाहते हैं। उसके बाद नंबर आता है भाजपा के गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ का, जिन्हें 4 फीसदी वोटर मुखिया बनाना चाहते हैं। एक अन्य पहलू यह है कि अखिलेश यादव से 61 फीसदी लोग संतुष्ट हैं और एसपी से 60 फीसदी।
सवर्ण किसके साथ
उत्तर प्रदेश में करीब 18 फीसदी सवर्ण वोटर हैं। ओपिनियन पोल में 65 विधानसभाओं के 4,562 लोगों से यह सवाल किया गया। सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक सवर्ण वोटर भाजपा के पक्ष में जाते दिख रहे हैं। सर्वे की मानें, तो आधे से ज्यादा सवर्ण वोटर भाजपा के साथ हैं और 15 फीसदी के करीब वोटर एसपी सरकार के पक्ष में हैं। ओपिनियन पोल में बसपा को करीब 9 फीसदी सवर्ण वोट देेने की सोच रहा है।
यादव किस पर लगाएंगे मुहर
उत्तर प्रदेश की जाति आधारित राजनीति के एक अहम किरदार यादव भी हैं। पोल के मुताबिक यूपी में यादव वोटर अब भी एसपी के साथ दिख रहे हैं। यूपी में करीब 10 प्रतिशत यादव वोटर हैं। पोल के अनुसार 68 फीसदी यादव वोटर एसपी के पक्ष में जा सकते हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा इस वोट बैंक पर सेंध लगाने में कामयाब रही थी, लेकिन इस बार पोल के मुताबिक करीब 16 फीसदी यादव वोटर उसके खाते में जाते दिख रहे हैं।
मुस्लिम किसको देंगे वोट
यूपी में करीब 18 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं जो चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं। मुलायम का एम-वाई (M-Y) फैक्टर हो या मायवाती की सोशल इंजिनियरिंग, दोनों में मुस्लिम वोटर का साथ अहम रहा है। ओपिनियन पोल के मुताबिक 62 फीसदी मुस्लिम वोट सत्ताधारी एसपी के साथ हैं। वहीं बीएसपी के साथ 18 फीसदी वोटर जा सकते हैं। कांग्रेस को 8 फीसदी मुस्लिम वोटरों का साथ मिल सकता है।
दलित मायावती को ही देंगे वोट
दलित के वोटों की बदौलत 4 बार मुख्यमंत्री बन चुकीं मायावती को दलितों का साथ अभी भी मिलता दिख रहा है। 22 फीसदी दलितों में से 14 फीसदी जाटव हैं और ओपिनियन पोल के मुताबिक उनमें से 75 फीसदी जाटव मायावती को ही सीएम देखना चाहते हैं। बसपा 8 फीसदी जाटव और 16 फीसदी अन्य दलित वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित कर पाने में सफल हो सकती है।