37 साल के हेमजी कोली ने खुद से छह साल छोटे अपने भाई अमरो कोली को 12 दिन पहले खोया है। वो कोरोना का टीका लेने में असफल रहे थे। हेमजी ने कहा कि उनके भाई को राजस्थान के जोधपुर जिले में कोविड-19 टीका नहीं लगाया जा सका, क्योंकि वो पाकिस्तान से आए हुए शरणार्थी हैं जिन्हें अभी तक भारतीय नागरिकता नहीं मिली है।
आउटलुक से हेमजी कोली कहते हैं, “हम भाई को बचा सकते थे यदि उसे वैक्सीन शॉट मिल गया होता। कोली ने दो बार निकटतम टीकाकरण केंद्र पर जाकर वैक्सीन लेना चाहा था, लेकिन उन्हें टीकाकरण से वंचित कर दिया गया, क्योंकि उनके पास आधार कार्ड नहीं था।” हेमजी कोली, जोधपुर जिले के आंगनवा बस्ती में एक कच्चे घर में रहते हैं, जो जोधपुर में पाकिस्तानी शरणार्थियों की एक बस्ती है।
2015 में हेमजी कोली, उनके भाई अपने परिवार के साथ पाकिस्तान के सिंध से भारत आए थे। जिला मीरपुर खास से वाघा सीमा के रास्ते आए थे और तब से वे जोधपुर में लंबी अवधि के वीजा पर रह रहे हैं और उनके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट है। परिवार के सदस्य अभी भी भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
अमरो कोली 12 मई को कोरोना संक्रमित हो गए थे। चार बच्चों के पिता अमरो मजदूरी करते थे। उनके परिवार के सदस्यों के मुताबिक अमरो का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के साथ हीं उनकी तबियत बिगड़ने लगी और मौत हो गई। हमेजी कहते हैं, “हम एक सुरक्षित जगह की तलाश में भारत चले आएं, लेकिन छह साल बाद भी हमें बाहरी और दूसरे दर्जे के नागरिक के रूप में माना जाता है। उदाहरण के लिए, हम जैसे शरणार्थियों के लिए टीकाकरण, जीवन रक्षक दवा का कोई प्रावधान नहीं है।”
हेमजी कोली अकेले पाकिस्तान से आए हुए शर्णार्थी नहीं हैं। अंगनवा बस्ती में वर्तमान में 250 से अधिक परिवार रह रहे हैं। इनमें से किसी को भी कोई नौकरी नहीं मिली है। इनमें कोली समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ अधिकांश भील आदिवासी समुदाय से हैं। कोरोना संक्रमण से पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासियों में से कुछ की मौत के बाद इस बस्ती में भय व्याप्त है।
सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढा ने आउटलुक से कहते हैं, “हमने महामारी की दूसरी लहर के दौरान पाकिस्तानी हिंदू प्रवासियों के टीकाकरण और आजीविका की सुरक्षा के अधिकार की मांग को लेकर एक याचिका दायर की है। विदेशियों के पंजीकरण कार्यालय जोधपुर द्वारा उनके पंजीकरण और आवासीय परमिट के बावजूद हजारों प्रवासियों को आधार कार्ड के अभाव में टीका दिए जाने की अनुमति नहीं है। केवल जिनके पास भारतीय नागरिकता प्राप्त है, उनके पास आधार कार्ड है और बाकी लोगों के पास लॉन्ग टर्म वीजा है।“
सोढा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने और प्रवासियों के लिए टीकाकरण अभियान का आश्वासन देने की मांग की है। राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में लगभग 30,000 पाकिस्तानी हिंदू प्रवासी रह रहे हैं। सोढ़ा के मुताबिक लगभग 70 फीसदी लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है जो उन्हें केंद्र सरकार के मानदंडों के अनुसार टीकाकरण के लिए सक्षम नहीं बनाता है।