जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि राज्य में स्थायी निवासी प्रमाणपत्र (पीआरसी) से जुड़े कानून में किसी तरह की छेड़छाड़ का कोई प्रयास नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें ‘‘झूठी और बेबुनियाद’’ हैं।
राज्यपाल की यह टिप्पणी नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला द्वारा आज भेजे गये उस पत्र के जवाब में आई है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री (उमर) ने राज्य का स्थायी निवासी प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया में बदलाव किए जाने की खबरों पर चिंता जताई गई ।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उमर के पत्र के जवाब में मलिक ने कहा कि उनका प्रशासन कानून में न तो कोई बदलाव कर रहा है और न ही ऐसा कोई विचार है।
मलिक ने उमर को भेजे पत्र में कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि सरकार राज्य में स्थायी निवासी प्रमाणपत्रों से जुड़े कानून में कोई बदलाव नहीं कर रही है और न ही उसका ऐसा कोई विचार है। यह जम्मू-कश्मीर के कानूनी ढांचे का अभिन्न हिस्सा है और इस कानून में किसी बदलाव का कोई प्रयास नहीं किया गया है।’’
मलिक ने कहा कि पीआरसी से जुड़े प्रक्रियागत नियमों में कोई भी बदलाव सभी हितधारकों से व्यापक विचार विमर्श के बिना कभी नहीं किया जाएगा।
मलिक ने उमर से कहा कि उन्हें ‘‘इस तरह की झूठी और बेबुनियाद खबरों’’ पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
राज्यपाल ने इस बात का भी जिक्र किया कि राजभवन की फैक्स मशीन काम कर रही है और उमर का फैक्स प्राप्त हुआ है तथा इसकी पुष्टि भी की गई है ‘‘जबकि आप (उमर) ट्वीट कर रहे हैं कि यह (मशीन) काम नही कर रही है।’’