दिल्ली की सड़कों पर दुर्घटना, आगजनी या एसिड अटैक के पीड़ितों का इलाज अब नजदीक के निजी अस्पताल में मुफ्त हो सकेगा।
यह फैसला मंगलवार को दिल्ली कैबिनेट ने लिया। उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद इस फैसले पर अमल शुरू होगा। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि किसी भी दुर्घटना में पहला घंटा अहम होता है जिसमें पीड़ित की जान बचाई जा सकती है। आमतौर पर पीसीआर या आटो वाले दुर्घटना के पीड़ित को सरकारी अस्पताल में ले जाते हैं और जाम वगैरा के कारण व्यक्ति की जान चली जाती है। समय की अहमियत को देखते हुए मानवीय आधार पर सरकार ने यह फैसला लिया है। अब पास के निजी अस्पताल में इलाज कराने और पहुंचाने का खर्चा भी दिल्ली सरकार देगी। इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि दुर्घटना पीड़ित दिल्ली का है या बाहर का। उसकी एमएलसी दिल्ली की होनी चाहिए। इस फैसले से पीसीआर या कोई भी व्यक्ति नजदीक के अस्पताल में दुर्घटना पीड़ित का इलाज करा सकेगा। एलजी की मंजूरी मिलने के साथ ही फैसले पर अमल शुरू हो जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर कोई आगजनी या एसिड अटैक का शिकार हो जाए तो उसका इलाज भी पास के अस्पताल में मुफ्त कराया जासकेगा। इसके साथ पीड़ित को नजदीक के अस्पताल ले जाने वाले को दो हजार रुपये इनाम भी दिया जाएगा। यह योजना पहले ही दिल्ली सरकार मंजूर कर चुकी है लेकिन दोनों को साथ साथ शुरु किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण ही है कि दिल्ली में दुर्घटनाओं में साल में करीब 16 सौ लोगों की मौत हो जाती है और आठ हजार के करीब दुर्घटनाएं होती है। इनमें 15 से 20 हजार लोग चपेट में आ जाते हैं।