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एनएसडी ने सतीश कौशिक के निधन पर जताया शोक, कहा- 'यह अपूरणीय क्षति है, वह बेहतरीन इंसान थे'

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) ने अपने ‘‘बेहतरीन पूर्व छात्र’’ सतीश कौशिक के आकस्मिक निधन पर...
एनएसडी ने सतीश कौशिक के निधन पर जताया शोक, कहा- 'यह अपूरणीय क्षति है, वह बेहतरीन इंसान थे'

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) ने अपने ‘‘बेहतरीन पूर्व छात्र’’ सतीश कौशिक के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए गुरूवार को कहा कि अभिनेता एवं फिल्म निर्माता को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा।

कौशिक का दिल का दौरा पड़ने से गुरूवार को तड़के दिल्ली में निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे। कौशिक राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के छात्र थे।

एनएसडी के निदेशक रमेश चंद्र गौर ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं पूर्व छात्र, महान अभिनेता, निर्देशक और निर्माता श्री सतीश कौशिक के निधन की खबर से स्तब्ध व दुखी हूं। वह बेहतरीन इंसान और फिल्म तथा थिएटर जगत के एक महान दूत थे।’’

गौर ने कहा, ‘‘यह अपूरणीय क्षति है। वह बेहतरीन इंसान थे, जिनकी बेहद याद आएगी और भारतीय फिल्म जगत में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय परिवार और अपनी ओर से उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’

कौशिक को ‘जाने भी दो यारो’, ‘राम-लखन’, ‘बड़े मियां छोटे मियां’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘दीवाना मस्ताना’, ‘हसीना मान जाएगी’, ‘भारत’, ‘छलांग’, ‘उड़ता पंजाब’ जैसी फिल्मों में निभाए उनके किरदारों के लिए काफी सराहना मिली। कौशिक ने 1983 में आई फिल्म ‘जाने भी दो यारो’ के संवाद लिखे और पंकज त्रिपाठी अभिनीत ‘कागज़’ (2021) की कहानी भी लिखी।

हास्य अभिनेता के तौर पर खासी लोकप्रियता हासिल करने वाले कौशिक फिल्म निर्देशक भी थे। उन्होंने ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ से निर्देशन की दुनिया में कदम रखा। कौशिक ने ‘हम आपके दिल में रहते हैं’ ‘हमारा दिल आपके पास है’, ‘बधाई हो बधाई’, ‘तेरे नाम’ और ‘मुझे कुछ कहना है’ जैसी कई फिल्मों का निर्देशन किया।

‘किसी का भाई किसी की जान’ और ‘इमरजेंसी’ उनकी आने वाली फिल्मों में शामिल है। वह ओटीटी (ओवर द टॉप) मंच ‘डिज़्नी प्लस हॉटस्टार’ की वेब सीरीज ‘पॉपकौन’ में भी नजर आएंगे। कौशिक के परिवार में पत्नी और बेटी है।

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