मणिपुर विधानसभा के मंगलवार को होने वाले एक दिवसीय सत्र में राज्य के जातीय संघर्ष की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की जा सकती है।
ज्यादातर कुकी विधायकों के सुरक्षा चिंताओं के कारण विधानसभा सत्र में हिस्सा न लेने की संभावना है। कुकी बहुल इलाकों के 10 में से छह विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से पहले ही छुट्टी ले ली है।
सरकार ने पिछले महीने 21 अगस्त तक विधानसभा सत्र बुलाने की सिफारिश की थी, लेकिन बाद में राज भवन से मंजूरी न मिलने के बाद तारीख में संशोधन कर इसे 28 अगस्त तक बढ़ा दिया गया था। पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री कार्यालय ने घोषणा की कि विधानसभा सत्र 29 अगस्त को बुलाया जाएगा।
पिछला विधानसभा सत्र मार्च में आयोजित किया गया था। नियमों के अनुसार हर छह महीने में सदन का एक सत्र आयोजित करना होता है।
‘कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी’ (सीओटीयू) और ‘इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) ने हाल में विधानसभा सत्र बुलाए जाने की निंदा करते हुए कहा था कि कुकी-जो विधायकों के इसमें भाग लेने के लिए मौजूदा स्थिति अनुकूल नहीं है।
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने शनिवार को कहा था कि आगामी 29 अगस्त को बुलाया जा रहा विधानसभा का एक दिवसीय सत्र दिखावा मात्र है और यह जनता के हित में नहीं है।
मणिपुर में तीन मई को भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।