यह मामला 21 संसदीय सचिवों से अलग है। कानून के छात्र विभोर आनंद ने जून महीने में चुनाव आयोग को शिकायत दी थी कि 27 आप विधायक रोगी कल्याण समिति में अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किए गए हैं।
यह पद लाभ के पद के दायरे में आता है। ऐसे में इसकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए। शिकायतकर्ता की दलील है कि विधायक रोगी कल्याण समिति में सदस्य के तौर पर शामिल हो सकता है। बतौर अध्यक्ष इनकी नियुक्ति नहीं हो सकती है।
छात्र विभोर आनंद के अनुसार आयोग ने उनकी शिकायत राष्ट्रपति के पास भेज दी है। अब इस पर राष्ट्रपति को अपना फैसला लेना है। उनका कहना है कि रोगी कल्याण समिति अस्पताल के प्रबंधन का काम देखती है। इसमें इलाके के विधायक, सांसद, प्रशासनिक अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी बतौर सदस्य शामिल होते हैं। जबकि अध्यक्ष को सरकारी सुविधाएं मिलती हैं।
विभोर के मुताबिक, आप सरकार ने 27 विधायकों को अध्यक्ष बना दिया है। इससे यह लाभ के पद के दायरे में आ जाते हैं। इसलिए इनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इसमें से 11 विधायक ऐसे भी हैं, जो संसदीय सचिव के तौर पर काम कर रहे हैं।