साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में एक और गवाह के अपनी पूर्व की गवाही से मुकरने से नया मोड़ आ गया है। मामले की सुनवाई के दौरान एक गवाह ने इस ब्लास्ट केस के प्रमुख आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित को पहचानने से इनकार कर दिया।
बता दें कि इससे पहले तीन फरवरी को हुई सुनवाई में 17वां गवाह भी मुकर गया था और गवाही देने से इनकार कर दिया था। इतना ही नहीं उसने अदालत में महाराष्ट्र एटीएस पर गंभीर आरोप लगाए थे। उसने कहा था कि महाराष्ट्र एटीएस ने उसका अपहरण कर लिया था और उसे तीन-चार दिनों तक अवैध हिरासत में रखा। उसने कहा कि इस मामले में उसे आरएसएस नेताओं का नाम लेने के लिए जबरन मजबूर किया गया था। मालेगांव ब्लास्ट मामले में कुल 226 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे, जिसमें से अब तक 18 गवाह मुकर चुके हैं।
गौरतलब है कि 28 दिसंबर को 15वें गवाह ने भी बयान से पलटते हुए सनसनीखेज आरोप लगाए थे और कहा था कि एटीएस की ओर से उस पर दबाव था कि वह योगी आदित्यनाथ(वर्तमान में उत्तर प्रदेश के सीएम) का इस मामले में नाम ले। इसके अलावा आरएसएस के सीनियर नेता इंद्रेश कुमार और स्वामी असीमानंद का नाम लिए जाने का दबाव डालने का आरोप लगाया था।
साल 2008 में 29 सितंबर की रात नौ बजकर 35 मिनट पर मालेगांव में शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट कंपनी के ठीक सामने एक बम धमाका हुआ था। यह धमाका एलएमएल मोटरसाइकिल में हुआ था। इस धमाके में छह लोगों की मौत हो गई थी और 101 लोग घायल हो गए थे।