कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है और इस बीच सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है। है राज्य में धारा 144 लगा दी गई। सभी बड़े नेताओं की नजरबंद के बीच कांग्रेस की बैठक हुई। राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं के साथ गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर मुद्दे को लेकर बैठक की। कांग्रेस ने सदन में इस मुद्दे को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस जारी किया है। चर्चा है कि विपक्ष सदन में इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में मोबाइल, इंटरनेट सेवाओं को भी बंद रखने का आदेश दिया गया है। स्कूल-कॉलेज को भी बंद करने का फरमान दिया गया है। इन सबके बीच सोमवार को राजधानी दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की काफी अहम बैठक भी हुई। आम तौर कैबिनेट की बैठक बुधवार को होती है लेकिन, अचानक आज हुई बैठक के बाद अब सबकी नजरें आज संसद में कश्मीर के मुद्दे पर अमित शाह के बयान पर टिकी हुई हैं। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक से पहले गृह मंत्री अमित शाह भी रविवार को खुफिया एजेंसियों के चीफ और एनएसए अजीत डोभाल संग बैठक कर चुके हैं और अब वह आज संसद में इस मुद्दे पर बयान भी देंगे।
कश्मीर मुद्दे पर बोले गुलाम नबी आजाद, यह लोकतंत्र की हत्या
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब नजरबंद किया जा रहा है। ये हिंदुस्तान की लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्हें ही बंद किया जा रहा है। यह लोकतंत्र की हत्या है। जम्मू कश्मीर में पर्यटन को खत्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।
श्रीनगर और जम्मू में धारा 144
तनावपूर्ण हालात के बीच सरकार ने श्रीनगर में धारा 144 लागू कर दी है, जो कि आज रात (5 अगस्त) 12 बजे से अगले आदेश तक जारी रहेगी। इस आदेश के बाद से जिले में कोई भी सार्वजनिक गतिविधियां नहीं होंगी। आदेश जारी रहने के दरम्यान शहर में किसी भी तरह की रैली और जनसभा करने की मनाही होगी। सभी सरकारी अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपना पहचान-पत्र साथ रखें। जम्मू में भी धारा 144 सोमवार (5 अगस्त) सुबह 6 बजे से लागू कर दी गई है।
जम्मू में सोमवार को स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे
जम्मू जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रशासनों से उन्हें सोमवार को ऐहतियातन बंद रखने के लिये कहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जम्मू की उपायुक्त सुषमा चौहान ने रविवार रात कहा, "सभी निजी तथा सरकारी स्कूलों और कॉलेजों को ऐतहियातन बंद रखने की सलाह दी गयी है।" अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है, जहां खतरे की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बलों की तैनाती कई गुणा बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जम्मू क्षेत्र, विशेषकर सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) समेत अतिरिक्त अर्धसैनिक बल तैनात कर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।