कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच देशभर के अलग-अलग हिस्सों में सैकड़ों की तादात में प्रवासी श्रमिक फंसे हुए हैं। वो लगातार अपने घर वापस भेजने की मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में, कर्नाटक के मंगलूरू में शुक्रवार को प्रवासी मजदूरों ने अपने गृह राज्य वापस भेजे जाने को लेकर प्रदर्शन किया। मंगलूरू के सेंट्रल रेलवे स्टेशन के बाहर प्रवासी मजदूर भारी संख्या में इकट्ठा हो गए और उन्होंने हाथों में 'वी वांट टू गो होम' का प्लेकार्ड लेकर प्रदर्शन किया। इन मजदूरों की मांग है कि इन्हें इनके गृह राज्य वापस भेजा जाए। इनमें से अधिकतर श्रमिक मध्यप्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।
प्रशासन ने दिया आश्वासन
भीड़ को काबू करने में रेलवे सुरक्षा बल के जवानों और पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। मौके पर पहुंची दक्षिणा कन्नड़ सहायक आयुक्त मदन मोहन ने श्रमिकों को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि उनके लिए ट्रेन की सारी व्यवस्थाएं की जाएगी। पुलिस आयुक्त पी एस हर्ष ने आश्वासन दिया कि उनके घर भेजे जाने की व्यवस्था की जाएगी। मजदूरों ने कहा कि इस शहर में बिना नौकरी के वो कैसे रह सकते हैं। उनके पास पैसे और खाने की उपलब्धता नहीं है।
Hundreds of migrant workers gather at Mangaluru Central Railway Station asking officials to allow them to return home in trains. Workers are from Jharkhand and work in hotels, malls and as construction labourers. Officials trying to convince them to go back to their residences. pic.twitter.com/lddeooLRgX
— Prajwal (@prajwalmanipal) May 8, 2020
आज से विशेष ट्रेनें चलाने का फैसला
कर्नाटक सरकार ने मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए आठ मई से विशेष ट्रेनें चलाने का गुरुवार को फैसला किया था और इसके लिए नौ राज्यों से मंजूरी मांगी थी। मजदूरों को बताया गया कि कर्नाटक सरकार कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण शहर तथा अन्य जिलों में फंसे हजारों प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए 15 मई तक एक दिन में दो ट्रेन चलाना चाहती है।
कर्नाटक सरकार ने ट्रेन की थी रद्द
यह कदम तब उठाया गया है जब दो दिन पहले ही कर्नाटक सरकार ने प्रवासियों के लिए चलने वाली विशेष ट्रेनाें को रद्द कर दिया था। इससे पहले बंगलूरू से प्रवासी मजदूरों के लिए आठ विशेष ट्रेनें चलाना तय हुआ था।