कर्नाटक के पिछड़े ग्रामीण इलाकों में 'जननी अम्मा' के नाम से मशहूर सुलागिट्टी नरसम्मा का मंगलवार शाम 98 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया। समाजसेवा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित हो चुकी सुलागिट्टी नरसम्मा 15 हजार से अधिक महिलाओं का बिना किसी चिकित्सकीय सहयोग सुरक्षित प्रसव कराने के लिए जानी जाती थीं। नरसम्मा के इसी अभूतपूर्व योगदान के कारण उन्हें कई बड़े सम्मान भी मिले थे।
तुमकुर विश्वविद्यालय ने दी थी डॉक्टरेट की मानद उपाधि
कर्नाटक के तुमकुर जिले में जन्मी नरसम्मा ने अपने पूरे जीवनकाल में करीब 15 हजार गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया था। कर्नाटक के पिछड़े इलाकों में नरसम्मा को 'जननी मां' के नाम से संबोधित किया जाता था। इसके अलावा समाजसेवा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए तुमकुर विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी।
सीएम कुमारस्वामी ने दी श्रद्धांजलि
सुलागिट्टी नरसम्मा को पूर्व में कर्नाटक की प्रदेश सरकार और तमाम सामाजिक संस्थाओं द्वारा भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा 2018 में उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। लगातार सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहने वाली नरसम्मा बीते कुछ दिनों से कर्नाटक स्थित अपने आवास पर रह रही थीं। नरसम्मा के निधन के बाद कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी समेत तमाम राजनेताओं ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।