उन्होंने यहां विधान परिषद में कहा, मैं हर किसी से कहना चाहता हूं कि पाकिस्तान, पाकिस्तानी प्रधानमंत्राी और पाकिस्तानी प्रतिष्ठान से कहा जाना चाहिए कि किसी को भी उस ओर से सीमा पार कर इस ओर आने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उसके बाद ही शांति स्थापित हो पाएगी, अन्यथा नहीं।
सईद सदन में पीडीपी सदस्य यशपाल शर्मा के सवाल पर विभिन्न सदस्यों के पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे। पीडीपी के इससे पूर्व के शासन के दौरान सीमा पर बाड़ लगाने के लिए सेना की सराहना करते हुए सईद ने कहा, 2002 से 2010 तक करगिल से कठुआ तक सीमा पर कोई गोलीबारी नहीं हुई। उन्होंने कहा, अपने शासन काल में, हमने तत्कालीन थलसेना प्रमुख जनरल एन सी विज को सीमाओं पर बाड़बंदी सुनिश्चित करने के लिए राजी किया था और पूर्ण बाड़बंदी की गयी थी....। वे :पाकिस्तान: हमें बाड़ लगाने नहीं दे रहे थे।
सईद ने कहा, उससे घुसपैठ पर काबू पाने में मदद मिली। अब उन्होंेने (आतंकवादी) बाड़ को काटने का तरीका प्राप्त कर लिया है। कुछ एेसी तकनीक है जिससे आप बाड़ को (घुसपैठ के लिए) काट सकते हैं।
शांतिपूर्ण सीमाओं की जोरदार वकालत करते हुए सईद ने कहा, हमें अपनी सीमाओं पर शांति सुनिश्चित करनी होगी। यह हमारा मकसद और लक्ष्य होना चाहिए। सईद ने कहा, मैं इस सदन के सदस्यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम शांति का माहौल बनाएंगे और पाकिस्तान की सरकार को भी शांति सुनिश्चित करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमा पर गोलीबारी दोनों पक्षों के लिए ही अच्छा नहीं है। गोलीबारी में दोनों ओर के लोग मारे जाते हैं। 2002 से 2010 के बीच कोई गोलीबारी क्यों नहीं हुयी। जानमाल से लेकर संपत्ति का कोई नुकसान नहीं हुआ। सीमाओं पर शंाति सुनिश्चित करने के लिए हमें एक रणनीति तैयार करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर के लोग सबसे ज्यादा परेशानी भुोलते हैं...। हम इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। जब तक वैसा होता है, हमें सतर्क रहना चाहिए। उन्होंेने कहा, वे (सीमा पार के तत्व) बाड़ के ऊपर से हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थ भी फेंक रहे हैं। सईद ने कहा, मैं सदस्यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम इस मुद्दे पर चिंतित हैं और हम सीमाओं पर स्थिति सामान्य बनाने तथा शांति के लिए माहौल बनाएंगे। अलगाववादियों के प्रति नरम रुख के आरोप के बीच सईद ने राज्य में लगातार दो आतंकवादी हमलों की कल निंदा की थी और और इन्हें शांति प्रक्रिया को बाधित करने की साजिश बताया था। उन्होंने पाकिस्तान से आतंकवादियों पर काबू पाने को भी कहा था।
सईद ने विधानसभा में एक बयान दिया था। विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें राज्य में शुक्रवार और शनिवार को हुए हमलों की निंदा की गई थी।
सीमा पार से गोलीबारी के मुद्दे पर सईद ने आज कहा, हम कब तक अपने हाथ बांध कर और चुपचाप बैठे रहेंगे? नहीं, जिन लोगों ने सीमा पार से गोलीबारी का आघात सहा है, हमें उन्हें मुआवजा देना होगा, उन्हें रोजगार मुहैया कराना होगा और यह हमारे न्यूनतम साझा कार्यक्रम में परिलक्षित होता है।
सीमाओं से लगे इलाकों में खेती करने वाले किसानों के मुद्दे पर सईद ने कहा कि पुंछ, राजौरी और अन्य क्षेत्रों में बाड़ के कारण कुछ किसान प्रभावित हुए।
उन्होंने कहा, हमारे किसानों से खेती नहीं करने के बारे में कहा गया था। मैं कोर कमांडर को साथ लिया और हम पुंछ जिले में बालाकोटे इलाके में गए तथा उन्हें समझाया कि वे किसानों को सीमा रेखा तक खेती की अनुमति दें और उन्हें नहीं रोकें। घुसपैठ रोकने और खेती दोनों मुद्दों पर इसका अच्छा असर हुआ।
सईद ने कहा, लेकिन मेरी इच्छा है कि सीमा के आखिरी छोर तक मेरे किसान खेती करें। हम अपनी जमीन क्यों छोड़ दें...। यह मेरा उद्यम है।
उन्होंने कहा, मैं इस सदन के माननीय सदस्यों से कहना चाहता हूं कि उस समय जब हम पाकिस्तान से बातचीत कर रहे थे, जनरल मुशर्रफ राष्ट्रपति थे और उस समय गोलीबारी की कोई समस्या नहीं थी।