आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि गृहमंत्री ने पैलेट गनों के विकल्प के रूप में पेलार्गोनिक एसिड वेनिलाइल एमाइड (पावा) के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी जिसे नॉनिवेमाइड भी कहा जाता है। सूत्रों ने कहा कि कश्मीर घाटी में कल करीब 1000 पावा गोले पहुंचेंगे।
गत 24-25 अगस्त को कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा के दौरान सिंह ने कहा था कि आने वाले दिनों में सुरक्षा बलों को पैलेट गनों का विकल्प दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि पैलेट गनों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाये जाने की संभावना नहीं है लेकिन इनका इस्तेमाल दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों में किया जाएगा।
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव टीवीएसएन प्रसाद की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने 29 अगस्त को जमा की गयी अपनी रिपोर्ट में पावा के उपयोग की सिफारिश की थी।
घाटी में पैलेट गनों के इस्तेमाल से बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के चोटिल हो जाने और उनकी आंखों की रोशनी चले जाने के मामलों के बाद समिति का गठन किया गया था। गत आठ जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में अशांति का माहौल है। मिर्च पाउडर से भरे ‘पावा गोले’ कम घातक हैं और कुछ देर के लिए जड़ कर देते हैं।
लखनऊ में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की प्रयोगशाला ‘भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान’ में पिछले एक साल से ‘पावा गोलों’ का परीक्षण चल रहा था।