इस कथित अपराध का तब पता लगा जब जिले में नींदुनोक्की की निवासी इस लड़की ने सात फरवरी को कूथुपारंबा के एक निजी अस्पताल में एक लड़के को जन्म दिया। चाइल्डलाइन से मिली एक सूचना के आधार पर पुलिस ने घटना की जांच की।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह लड़की जिस विद्यालय में पढ़ती थी वहां आरोपी पादरी 48 वर्षीय फादर रॉबिन मैथ्यू प्रबंधक था। वह छह फरवरी तक कक्षाओं में गई थी और उसके अगले दिन शिशु को जन्म दिया था।
सूत्रों ने कहा कि न तो इस नाबालिग लड़की को और न ही उसके माता-पिता को यह पता था कि वह गर्भवती है। जब लड़की ने पेट दर्द की शिकायत की तब उसे अस्पताल ले जाया गया। डाक्टरों ने पाया कि वह गर्भवती है। उसे गिरजाघर के अस्पताल में ले जाया गया था जहां उसने एक लड़के को जन्म दिया।
सूत्रों के अनुसार नवजात शिशु को उसकी मां को सूचित किए बगैर ही अनाथालय ले जाया गया। लड़की से बताया गया कि उसका एपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ है। पुलिस ने बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए इस नाबालिग लड़की का यौन शोषण करने वाले गुनाहगार का नाम सामने नहीं आया, उसके परिवार पर लड़की के पिता सहित दो अन्य का नाम लेने के लिए कथित रूप से मजबूर किया गया था। लेकिन जब पुलिस ने लड़की और उसके पिता से कड़ाई से पूछताछ की तब उसने कोत्तियूर के गिरजाघर के पादरी का नाम लिया।
रोबिन 25 फरवरी को सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद अगले दिन वहां से चला गया। पुलिस ने भादंसं की धारा 376 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत उसके विरूद्ध मामला दर्ज किया है।
उसे कल रात त्रिच्चूर जिले के चलाक्कुडी से पकड़ा गया और कन्नूर लाया गया। इस बीच मनानथावडी के बिशप जोस पोरून्नेडोम ने रोबिन को तत्काल प्रभाव से पादरी के पद से हटा दिया है। इस घटना पर प्रतिक्रिया में सायरो मालाबार गिरजाघर के प्रवक्ता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। गिरजाघर ने उसे निलंबित कर दिया है और सभी पदों से हटा दिया। (एजेंसी)