केंद्र सरकार ने एक मई से ही 18 वर्ष से 45 वर्ष के उम्र वालों को कोविड से बचाव के लिए टीका शुरु करने को कहा है। झारखण्ड के लोगों को इसके लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। मई के अंत तक भी इसकी शुरुआत हो जाये तो उपलब्धि है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा है कि 18 साल से अधिक के उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए हमारी तैयारी पूरी है। टीका उपलब्ध होते ही टीकाकरण अभियान शुरू हो जायेगा। इसकी सफलता में जन प्रतिनिधियों की सहभागिता के लिए उन्होंने जन प्रतिनिधियों से भी बात की है।
इधर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि टीका उपलब्ध कराने वाली कंपनी सीरम और भारत बायोटेक को सरकार ने 25-25 लाख टीका का आर्डर दिया है मगर कंपनियों ने हाथ खड़े कर दिये। केंद्र सरकार ने भारत बायोटेक को 10 करोड़ और सीरम इंस्टीट्यूट पुणे को दो करोड़ वैक्सीन के लिए एडवांस बुकिंग कर रखा है। ऐसे में कंपनियों पर दबाव है। कंपनियों ने झारखण्ड को 15 मई तक इस मसले पर बात करने से इनकार कर दिया है। कहा है कि 15 के बाद या मई के अंतिम सप्ताह में आपूर्ति हो पायेगी। हालांकि राज्य सरकार ने 18 से अधिक उम्र वालों के लिए अपनी तैयारी कर रखी है, 2229 से अधिक टीका केंद्र बनाये गये हैं। 1.57 करोड़ लोगों को ऐसे में कैसे टीका दिया जा सकेगा। 27 अप्रैल को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखकर कहा गया है कि वे टीका उपलब्ध करा दें सरकार भुगतान के लिए तैयार है। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय से यह भी कहा है कि उसके पास छह लाख वैक्सीन का डोज है जो 45 से अधिक वालों के लिए रिजर्व है। केंद्र से अतिरिक्त डोज आना बाकी है। ऐसे में एक मई से 18 प्लस के लिए शुरू होने वाला अभियान तभी संभव है जब 45 प्लस वालों के लिए आरक्षित वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति दी जाये। बहरहाल टीका को लेकर संकट की स्थिति है। को वैक्सीन का स्टॉक लगभग खत्म है। हाल के दिनों में संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ी मगर टीकाकरण की रफ्तार घटी रही। बढ़ा संक्रमण किसी से छुपा नहीं है मगर 21 से 28 अप्रैल के बीच टीकाकरण की गति कहें तो किसी भी दिन लक्ष्य के 26 प्रतिशत से अधिक लोगों को टीका नहीं पड़ा। बल्कि इस अवधि में तीन दिन तो महज 18 प्रतिशत लोगों को ही टीका दिया जा सका। संक्रमण बढ़ रहा है तो लोगों में टीकाकरण को लेकर जिज्ञासा जगी है, अफरातफरी का माहौल है।