उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने की दिशा में धामी सरकार ने एक ड्राफ्ट कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी के गठन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया है कि राज्य सरकार को संविधान के अनुच्छेद 162 के तहत इस तरह की ड्राफ्ट कमेटी के गठन का अधिकार है।
विस चुनाव के लिए मतदान के बादी सीएम धामी ने उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने की बात की थी। नतीजा आने के बाद उन्होंने बतौर सीएम फिर से शपथ ली तो इस दिशा में कदम आगे बढ़ाया था। धामी सरकार ने सेवा निवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने को एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया था। यह कमेटी तमाम लोगों ने मिलकर उनके सुझाव ले रही है। ई-मेल व अन्य तरीकों से भी सुझाव मांगे जा रहे हैं।
इस कमेटी के गठन को एक जनहित याचिका के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। शीर्ष अदालत ने इस याचिका को सुनवाई के बाद यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें गलत क्या है। शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य सरकार को संविधान की धारा 162 के तहत इस तरह की ड्राफ्ट कमेटी का गठन करने का अधिकार है।
यहां बता दें कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, यहां यूसीसी को लागू करने की दिशा में तेज पहल की गई है। माना जा रहा है कि कमेटी से ड्राफ्ट मिलने के बाद इसे उत्तराखंड में लागू कर दिया जाएगा। धामी सरकार की इस पहल के बाद देश के भाजपा शासित कुछ अन्य राज्यों ने भी यूसीसी को लागू करने की दिशा में कदम उठाने की बात की है।