पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ी कीमतों को लेकर देश में चल रही राजनीति के बीच झारखंड सरकार 26 जनवरी से गरीबों को पेट्रोल पर 25 रुपये प्रति लीटर की कम पर उपलब्ध करायेगी। अपनी सरकार के गठन के दो साल पूरे होने के मौके पर रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित समारोह को संबंधित करते हुए मुख्मंत्री हेमन्त सोरेन ने यह एलान किया। कहा कि संसाधनों में वृदि्ध हुई तो राज्य के और लोगों को भी राहत देंगे। सीएम सोरेन ने 17222 करोड़ की 1454 योजनाओं का इस मौके पर उदघाटन-शिलान्यास किया। परिसम्पत्ति का भी वितरण किया। सांकेतिक तौर पर अनेक लोगों को नियुक्ति पत्र दिया।
अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को कर्ज मुहैया कराने में बैंकों की उदासीनता पर गहरा एतराज जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे छात्रों को कर्ज लेने में राहत हो इसके लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड देंगे। इन पिछड़ों की प्रदेश में 50 प्रतिशत आबादी है। बैंकों का सहयोग न करना राज्य के विकास में बाधा डालना है। वे इसका उपाय निकालेंगे, केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक से बात करेंगे। जरूरत पड़ी तो कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। देश में महंगाई चांद पर चला गया है। पेट्रोल-डीजल की कीमत में लगातार तेजी से गरीब और मध्यम वर्ग के लोग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए गरीब, मजदूरों को पेट्रोल 25 रुपये प्रति लीटर कम पर देने का निर्णय किया गया है। स्कूटर, मोटर साइकिल में एक परिवार महीने में दस लीटर तक पेट्रोल भराने का लाभ ले सकेगा। प्रति लीटर 25 रुपये की राशि उसके बैंक खाते में चली जायेगी। पुरानी पेंशन योजना की उम्मीद पाले लोगों को भी राहत का एलान करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस पर गंभीर है। जल्द निर्णय करेगी।
भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि 50 लाख रुपये की संपत्ति का एक रुपये में निबंधन योजना को समाप्त से उन्हें कष्ट हो रहा है। उनके अनुसार हमने महिला सशक्तीकरण के प्रयास को रोक दिया है। मेरे अनुसार यह योजना अमीर महिलाओं को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई थी। मेरी प्राथमिकता 50 लाख की संपत्ति खरीदने वालों के बदले हड़िया-दारू बेचने को विवश महिला, पेंशन के इंतजार में बैठी महिला, कुपोषण की शिकार महिला थी, उनका सशक्तीकरण ही असली महिला सशक्तीकरण है। इनके लिए पेंशन, राशनकार्ड आदि की व्यवस्था की। झाखंड आंदोलनकारियों के परिजनों के लिए भी इंतजाम किया है। उनके बच्चों को पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ देंगे। डीपीएस और डीएवी जैसे प्राइवेट स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों को भी मॉडल स्कूल में बदलने जा रहे हैं। अगले सत्र से इसमें पढाई शुरू करने की योजना है। देश में पहलीबार बेहतर तकनीकी शिक्षा के लिए आदिवासी होनहार बच्चों को शतप्रतिशत सरकारी खर्च पर अध्ययन के लिए विदेश भेजा। इसका दायरा बढ़ाकर अन्य वर्गों के होनहार बच्चों को भेजेंगे।
कोरोना काल में लोगों को दो साल गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा। गरीब प्रदेश जहां 80 प्रतिशत किसान मजदूर हों हमारी चिंता बढ़ जाती है। उनका इंतजाम किया। डेढ़ साल हमारे भी हाथ-पांव बंधे रहे। उस दौरान योजना बनी और तेजी से गांव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने की कोशिश की। आपके अधिकार, आपकी सरकार आपके द्वार के माध्यम से शासन को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया। उनकी समस्याएं सुनीं, दूर कीं। उन पहाड़ी इलाकों जहां कोई अधिकारी नहीं जाता था अधिकारी, मंत्री, जन प्रतिनिधि पहुंचे। यहां आज भी ऐसे गरीब हैं जिन्हें न ठीक से तन ढकने को कपड़े थे न दो समय का भोजन था न मामूली दवा की क्षमता। अनाज के इंतजाम से लेकर सोना सोबरन योजना के तहत साल में दो बार धोती साड़ी का इंतजाम किया। बिना भेद भाव सब के लिए यूनिवर्सल पेंशन की व्यवस्था की। कोई 18 साल की उम्र में विधवा हो जाये तो उसे 40 तक इंतजार करना पड़ता था, वह भी कोटा में आने पर अब के लिए व्यवस्था की गई है। यूनिवर्सल पेंशन योजना देश के लिए अनुकरणीय है। दो साल के शासन में करीब 28-30 योजनाओं को जमीन पर उतारा है। ट्राइवल यूनिवर्सिटी, मॉब लिंचिंग विरोधी कानून भी बनाये। मॉब लिंचिंग विरोधी कानून बनाकर भयमुक्त माहौल दिया है।
नई पर्यटन नीति पेश करते हुए कहा कि झरखंड सिर्फ खनिज के लिए जाना जाता था मगर प्राकृतिक सौंदर्य के कारण यहां अपार संभावनाएं हैं। इसी को ध्यान में रखकर पर्यटन नीति तैयार की गई है। हिमालय की तरायी वाले पेड़-पौधे भी नेतरहाट में हैं तो यहां चाय बगान भी थे, उसे फिर जिंदा करेंगे। राज्य को विकसित होने से कोई रोक नहीं सकता। झारखंड न रुकेगा, न झुकेगा, निश्चित तौर पर आगे बढ़ेगा। हमारे पास संसाधन है अगर इमानदार और दूरगामी सोच से चलें तो हम दूसरे राज्यों को फंडिंग करने की क्षमता रखते हैं।
दो दशक से यहां के पारा शिक्षक संघर्षरत थे। 11 माह आंदोलन में बीतता था। मांगों को पूरा करते हुए नौकरी की उम्र सीमा 60 साल की, वेतन में 50 प्रतिशत इजाफा किया, अनुकंपा पर नौकरी और सरकारी आवास का भी इंतजाम करेंगे। आंगनबाड़ी, नर्स और संविदा पर काम करने वाले तमाम लोगों से बात कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जायेगा। हम तैयार हैं। मौके पर कांग्रेस विधायक दल के नेता ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने यूनिवर्सल पेंशन स्कीम, सरकार आपके द्वार की खासियत की चर्चा की। वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा कि सरना कोड, ग्रीन कार्ड, कृषि ऋण माफी के साथ गांव जाकर लोगों की समस्याएं सरकार सुन रही है। चुनावी वादे पूरे किये जा रहे हैं। वादे पूरे होने के बाद ही हम अगली वार वोट मांगने जायेंगे।
समारोह में राज्यपाल रमेश बैस, कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन सहित हेमन्त कैबिनेट के सदस्य आदि मौजूद थे।
झारखण्ड सरकार का निर्णय... https://t.co/MpLHJFfoqu pic.twitter.com/y0bhZcUheS
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) December 29, 2021