प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज यानी गुरुवार को अपनी एकदिवसीय झारखंड यात्रा पर हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने बहुप्रतीक्षित झारखंड का नया विधानसभा भवन राज्य को समर्पित किया। अलग राज्य बनने के 19 साल बाद झारखंड को अपना विधानसभा भवन मिला है। प्रधानमंत्री ने स्पीकर दिनेश उरांव, राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू और मुख्यमंत्री रघुवर दास की मौजूदगी में नए विधानसभा भवन का उद्घाटन किया।
इसके साथ प्रधानमंत्री साहेबगंज में मल्टीमॉडल बंदरगाह का उद्घाटन करेंगे और 1,238 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले झारखंड सचिवालय के नए भवन का शिलान्यास करेंगे।
2017 में साहेबगंज मल्टी-मॉडल टर्मिनल की रखी थी आधारशिला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही अप्रैल 2017 में साहेबगंज मल्टी-मॉडल टर्मिनल की आधारशिला रखी थी। इसका निर्माण लगभग दो सालों की रिकॉर्ड अवधि में 290 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। यह जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के तहत गंगा नदी पर बनाए जा रहे तीन मल्टी-मॉडल टर्मिनलों में से दूसरा टर्मिनल है।
वाराणसी में किया था पहले मल्टी-मॉडल टर्मिनल (एमएमटी) का उद्घाटन
इससे पहले नवम्बर, 2018 में प्रधानमंत्री ने वाराणसी में पहले मल्टी-मॉडल टर्मिनल (एमएमटी) का उद्घाटन किया था। साहेबगंज स्थित टर्मिनल झारखंड और बिहार के उद्योगों को वैश्विक बाजार के लिए खोलेगा और इसके साथ ही जलमार्ग के जरिए भारत-नेपाल कार्गो संपर्क सुलभ कराएगा। यह राजमहल क्षेत्र स्थित स्थानीय खदानों से विभिन्न ताप विद्युत संयंत्रों को घरेलू कोयले की ढुलाई करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस टर्मिनल के जरिए कोयले के अलावा स्टोन चिप्स, उर्वरकों, सीमेंट और चीनी की भी ढुलाई किए जाने की संभावना है।
रोजगार सृजित होने की है आशा
आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि टर्मिनल से इस क्षेत्र में लगभग 600 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार और तकरीबन 3,000 लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की आशा है। इस टर्मिनल के जरिए साहेबगंज में सड़क-रेल-नदी परिवहन के संयोजन से अंदरूनी इलाकों का यह हिस्सा कोलकाता और हल्दिया व उससे भी आगे बंगाल की खाड़ी से जुड़ जाएगा। इसके अलावा साहेबगंज नदी-समुद्र रूट से बांग्लादेश होते हुए पूर्वोत्तर राज्यों से भी यह जुड़ जाएगा।
वाजपेयी के सपनों का झारखंड बनाने के लिए योजनाओं की शुरुआत: रघुवर दास
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयेपी ने जिस उदेश्य के साथ झारखंड को अलग राज्य बनाया था, उन्हीं के सपनों का झारखंड बनाने के लिए प्रधानमंत्री झारखंड से ही कई बड़ी योजनाओं की शुरुआत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के जीवन में सामाजिक सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने के लिए मासिक पेंशन के रूप में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना लागू की जा रही है। इस योजना के तहत 18 से 40 साल के उम्र के किसानों का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। किसानों को 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के लिए झारखंड में एक लाख नौ हजार से अधिक किसानों का पंजीकरण हो चुका है।
खुदरा व्यापार करने वाले दुकानदार व स्वरोजगार करने वालों के लिए पेंशन योजना
प्रधानमंत्री 12 सितम्बर को यहां से देश के खुदरा व्यापारिक दुकानदार और स्वरोजगार पेंशन योजना की भी शुरुआत करेंगे। आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने देश के खुदरा व्यापार करने वाले दुकानदार व स्वरोजगार करने वाले को पेंशन की योजना से जोड़ने की पहल की है। इसके तहत 18 से 40 साल के खुदरा व्यापारियों और दुकानदारों को भी 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद 3,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलेगी।
झारखंड के 13 जिलों में 69 एकलव्य विद्यालय
इसके अलावा प्रधानमंत्री इस मौके पर देश के जनजातीय क्षेत्रों में 462 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का आनलाइन शिलान्यास कर रहे हैँ। इसके तहत झारखंड के 13 जिलों में 69 एकलव्य विद्यालय खोले जा रहे हैं। जनजातीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को शहरों की तरह ही गांव में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसीलिए एकलव्य विद्यालय खोले जा रहे हैं। जनजातीय क्षेत्रों का विकास सरकार की विशेष प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री आज सुबह विशेष विमान से रांची पहुंचे थे। उन्हें दोपहर एक बजकर दस मिनट पर वापस लौटना है।