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युवा कवि अमन अक्षर की नई पहल, हिन्दी भाषा को मिलेगा संबल

आधुनिकता की लालसा ने अंग्रेजी भाषा और पश्चिमी सभ्यता को पंख जरूर दिए हैं, लेकिन युवाओं ने भारतीय...
युवा कवि अमन अक्षर की नई पहल, हिन्दी भाषा को मिलेगा संबल

आधुनिकता की लालसा ने अंग्रेजी भाषा और पश्चिमी सभ्यता को पंख जरूर दिए हैं, लेकिन युवाओं ने भारतीय संस्कृति और हिंदी भाषा का हाथ पकड़ कर आगे बढ़ने की हिम्मत भी दिखाई है। कवि सम्मेलनों की शोभा बढ़ाने के साथ आने वाली पीढ़ी को भाषा का बोध करा रहे अमन अक्षर, इस समय इन्हीं युवा कवियों की श्रेणी में सबसे चर्चित नाम हैं।

 

"राम गीत" से देश भर में नाम कमाने वाले अमन अक्षर अब "एकल काव्य पाठ" की श्रृंखला शुरू कर रहे हैं। 30 जून को ग्वालियर से शुरू होने वाली यह श्रंखला सागर (01 जुलाई), भोपाल (02 जुलाई) के रास्ते जयपुर (08 जुलाई) और जोधपुर (09 जुलाई) तक पहुंचेगी। खैर, इंजीनियरिंग कर रहे एक छात्र अमन दलाल के अमन "अक्षर" बनने की कहानी भी दिलचस्प है। आइए, अमन अक्षर के सफर पर एक नज़र डालते हैं। 

 

 

अमन दलाल का साहित्यिक सफर इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान शुरू हुआ। यह वो समय था, जब अमन के नाम के साथ "अक्षर" नहीं जुड़ा था। तब कविताओं/शायरियों के प्रति अपने रुझान को बढ़ता देख अमन ने लिखना शुरू किया। कविताओं, गीतों और रोमांच से भरा यह सफर भी कम मुश्किल नहीं था। अपनी मुश्किलें, कठिनाइयां अमन के साथ थीं, लेकिन हिंदी की सेवा का करिश्मा था कि धीरे धीरे सब ठीक होता गया और गाड़ी आगे बढ़ती रही।

 

 

 

मौजूदा समय में अमन अक्षर आज हर कवि सम्मेलन और मुशायरे का जाना पहचाना नाम बन चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी ख्याति अर्जित की है।

 

 

अमन अक्षर द्वारा लिखा गया "राम गीत" उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा। इस गीत के शब्द, धुन ने हर किसी को इतना प्रभावित किया कि अमन अक्षर को वर्तमान समय का तुलसी कहा जाने लगा।

पिछ्ले दिनों, अमन अक्षर ने बतौर गीतकार बॉलीवुड में भी काम शुरू कर दिया है।उन्होंने एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हुई वेब सीरीज "राम युग" के लिए गीत लिखे हैं, जिसे अमिताभ बच्चन और सोनू निगम ने आवाज़ दी है।"एकल काव्य पाठ" श्रंखला के माध्यम से अमन युवाओं में हिंदी भाषा के प्रति अलख जगाने का काम शुरू करने जा रहे हैं। उम्मीद है कि इससे युवा हिंदी कविता की तरफ और अधिक आकर्षित होंगे। 

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