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देव‌रिया शेल्टर होम की मुख्य आरोपी गिरिजा त्रिपाठी की बेटी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले देवरिया के मां विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह में बालिकाओं से...
देव‌रिया शेल्टर होम की मुख्य आरोपी गिरिजा त्रिपाठी की बेटी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले देवरिया के मां विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह में बालिकाओं से दुष्कर्म कराने और अवैध बालिका गृह चलाने के मामले में पुलिस ने आरोपी गिरिजा त्रिपाठी की बेटी कंचनलता त्रिपाठी को भी गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, उसके पति मोहन त्रिपाठी और बेटे प्रदीप त्रिपाठी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

जिला जांच अधिकारी को हटाया गया: अमित किशोर

 

इस मामले में आगे की कार्रवाई के बारे में देवरिया के नए डीएम अमित किशोर ने बताया कि डीपीओ (जिला जांच अधिकारी) को हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। डीपीओ की गलती ये थी कि गत वर्ष इस शेल्टर होम का लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद भी यहां लड़कियों को भेजा जाता था।

संचालक की बेटी को किया गया गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस ने गिरिजा और मोहन त्रिपाठी की बेटी कंचनलता त्रिपाठी को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीबीआई द्वारा निरीक्षण के बाद शेल्टर होम का लाइसेंस रद्द होने के बाद पुलिस ने मंगलवार को देवरिया शेल्टर होम के संचालक गिरिजा और मोहन त्रिपाठी की बेटी को हिरासत में ले लिया। 24 लड़कियों को 5 अगस्त को शेल्टर होम से बचाया गया था। गिरफ्तार की गई लड़की ने कहा कि झूठे आरोपों के तहत मुझे फंसाया जा रहा है। 

'जिलाधिकारी को बदल देने से कुछ नहीं होगा, इससे न्याय नहीं मिलेगा'

वहीं, इस बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी (सपा) नेता अखिलेश यादव ने देवरिया शेल्टर होम कांड पर कहा है, जो भी बेटियों के साथ हुआ, उससे दिल दहलता है। उन दोषियों की, जो शेल्टर होम का लाइसेंस रद्द होने के बाद भी उसकी मदद करने के लिए भागदौड़ कर रहे थे, पोल खुलनी चाहिए। जिलाधिकारी को बदल देने से कुछ नहीं होगा, इससे न्याय नहीं मिलेगा।

इस मामले में एक बच्ची ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। बालिका गृह की चीख-पुकार ने अब सियासत को भी गर्मा दिया है। आरोप है कि बालिका गृह में न सिर्फ लड़कियों को जबरन देह व्यापार में लगाया गया था। बल्कि ये पूरा संस्थान ही अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था।

आरोपी नहीं दे रहे संतोषजनक जवाब: एसपी

इस मामले को लेकर एसपी ने बताया कि संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और उनके पति मोहन इनके बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। ऐसे में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में मानव तस्करी, देह व्यापार व बाल श्रम से जुड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

ये है पूरा मामला 

गौरतलब है कि इस संस्थान की जांच में अनियमितता पाई गई थी, जिसके बाद पिछले साल इसकी मान्यता रद्द कर दी गई। देवरिया के डीपीओ ने बताया कि मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाजिक सेवा संस्थान द्वारा संचालित नारी संरक्षण गृह में पहले भी अनिमियतता पाई गई थी, उसके आधार पर इनकी मान्यता स्थगित कर दी गई थी। शासन से ये आदेश भी हुआ था कि सभी बच्चों को यहां से ट्रांसफर कर दिया जाए। इस आदेश के बावजूद संस्थान में लड़कियों को जबरन रखा गया। यहां तक कि संस्थान में रजिस्टर्ड बच्चियों का सही रिकॉर्ड तक नहीं है।

पुलिस ने बताया कि संरक्षण गृह की सूची में 42 लड़कियों के नाम दर्ज हैं, लेकिन छापे में मौके पर केवल 24 मिलीं। बाकी 18 लड़कियों का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार के बेतिया जिले की 10 साल की बच्ची रविवार देर शाम किसी तरह संरक्षण गृह से निकलकर महिला थाने पहुंची। वहां उसने संरक्षण गृह की अनियमितताओं के बारे में जानकारी दी।

बच्ची के मुताबिक, वहां शाम चार बजे के बाद रोजाना कई लोग काले और सफेद रंग की कारों से आते थे और मैडम के साथ लड़कियों को लेकर जाते थे, वे देर रात रोते हुए लौटती थीं। संरक्षण गृह में भी गलत काम होता है।

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