कोलकाता स्थित एक लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि इस सिलसिले में गिरफ्तार चार लोगों में से तीन ने हमले की पूर्व योजना बनायी थी।
घटना की जांच कर रहे नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) के अधिकारियों ने यह भी पाया कि तीनों आरोपियों मोनोजीत मिश्रा, प्रतिम मुखर्जी और जैद अहमद का कॉलेज की छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने का इतिहास रहा है। चौथा आरोपी कॉलेज का सुरक्षा गार्ड है।
अधिकारी के अनुसार, तीनों इस तरह की घटनाओं को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड कर लेते थे और बाद में पीड़ितों को ब्लैकमेल करने के लिए फुटेज का इस्तेमाल करते थे।
पुलिस अधिकारी ने कहा, "पूरा मामला पूर्व नियोजित था। तीनों आरोपी पीड़िता पर अत्याचार करने के लिए कई दिनों से साजिश रच रहे थे। हमें पता चला है कि पीड़िता को कॉलेज में दाखिला लेने के पहले दिन से ही मुख्य आरोपी ने निशाना बनाया था।"
कोलकाता पुलिस ने तीनों द्वारा कथित तौर पर फिल्माए गए मोबाइल वीडियो की तलाश शुरू कर दी है।
अधिकारी ने कहा, "रविवार को आरोपी मुखर्जी और अहमद के आवासों पर तलाशी ली गई। हम इससे संबंधित तथा संभवतः अन्य घटनाओं से संबंधित फुटेज की तलाश कर रहे हैं।"
जांचकर्ताओं ने यह भी कहा कि 25 जून के कथित सामूहिक बलात्कार का वीडियो क्लिप आरोपियों द्वारा साझा किया गया हो सकता है।
अधिकारी ने कहा, "हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या उन क्लिपों को किसी अन्य ग्रुप में फॉरवर्ड या शेयर किया गया था। उस स्थिति में, हमें उन लोगों से संपर्क करना होगा, जिन्हें वे प्राप्त हुए हैं।"
उन्होंने बताया कि एसआईटी ने 25 से अधिक लोगों की सूची तैयार की है, जिनमें अधिकतर दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज के छात्र हैं, जो 25 जून की शाम को शैक्षणिक संस्थान में मौजूद थे।
उन्होंने कहा, "जांच के सिलसिले में इन सभी लोगों से पूछताछ की जाएगी। हमें यह पता लगाना होगा कि उस शाम उन्होंने क्या देखा था।"
शहर के कस्बा क्षेत्र में साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ कथित तौर पर तीन लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया, जिनमें शैक्षणिक संस्थान का एक पूर्व छात्र और दो वर्तमान छात्र शामिल हैं।