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अखिलेश और हेमा को सुध नहीं, मीठे पानी को तरस रहा शहीद हेमराज का गांव

देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपना शीश कटा डालने वाले उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद निवासी शहीद हेमराज का गांव उनकी शहदत के तीन वर्ष बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। हेमराज के शहीद होने के बाद गांववासियों को उम्‍मीद थी कि सरकार अब हेमराज के नाम पर गांव में मूलभूत सुविधाओं की व्‍यवस्‍था कर देगी। लेकिन तीन साल के बाद भी नतीजा सिफर रहा। गांव वाले सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के पूरा होने का अब भी इंतजार कर रहेे हैं।
अखिलेश और हेमा को सुध नहीं, मीठे पानी को तरस रहा शहीद हेमराज का गांव

यमुना के किनारे बसे गांव के बाशिंदों को मीठा पानी उपलब्ध कराने के लिए एक अदद पानी की टंकी की आस अब तक पूरी नहीं हो पाई है, जिसके चलते आज भी गांव वालों को पीने का पानी एक किमी दूर स्थित कुएं से लाना पड़ता है। गांव वाले कहते हैंं कि मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव और सांसद हेमा मालिनी को हमारी समस्‍याओं को दूर करने के लिए जरा भी समय नहीं है। हेमराज चला गया वह अब क्‍यों इधर आएंगे।  

मीठे पानी की कमी की जानकारी शहीद हेमराज की विधवा पत्नी धर्मवती ने दी। उन्होंने बताया कि वे इसी वजह से गांव में पानी की टंकी निर्माण के लिए आगरा स्थित वरिष्ठ अधिकारियों से भी मिली हैं तथा समस्या का निदान शीघ्रातिशीघ्र कराए जाने की मांग उनसे की है। उन्होंने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक से भी आगरा में मुलाकात कर अपने गांव की बिजली समस्या के निदान के प्रयास किए। उन्होंने बताया कि पति की शहादत के बाद मुख्यमंत्राी अखिलेश यादव 14 जनवरी 2013 को गांव पहुंचे थे। उन्होंने गांव को लोहिया ग्राम में शामिल करने, मीठे पानी के लिए टंकी लगाने, इंटर काॅलेज बनवाने, गलियों में पक्की सड़कें बनवाने, पार्क बनवाने सहित शहीद के दो भाइयों को सरकारी नौकरी देने और बच्चों की पढ़ाई का खर्चा देने का वादा किया था। लेकिन अब तक अधिकांश वादे पूरे नहीं हो सके हैं। 

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