उत्तर प्रदेश में मथुरा के एक किसान ने आलू की खेती में घाटे से परेशान होकर खुद को गोली मार ली।
पुलिस के अनुसार जिले के शहजादपुर (इंदावली) निवासी तेजपाल सिंह (28) ने शनिवार की रात करीब साढ़े दस बजे तमंचे से गोली मारकर खुदकुशी कर ली।
तेजपाल के बड़े भाई सुखवीर सिंह ने बताया, ‘तेजपाल पर बैंक का एक लाख रुपए का कृषि ऋण था। वह तीन साल से लगातार घाटा होने के चलते चुका नहीं पा रहा था।’
भारतीय किसान यूनियन (भानू गुट) के प्रदेश अध्यक्ष ने की थी आत्महत्या
इससे पहले आगरा में भारतीय किसान यूनियन (भानू गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह के बेटे ओम प्रताप सिंह ने अवसाद में आकर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। यूपी के ओम प्रताप भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष थे। आत्महत्या के पीछे आलू की फसल में घाटा बताया गया है। आलू की फसल में मंदी के कारण काफी दिनों से तनाव में थे।
भानुप्रताप सिंह ने तहरीर में बताया था कि बेटा ओमप्रताप सिंह आलू की फसल की सही कीमत न मिलने से तनाव में थे। उन्होंने 70-80 बीघा आलू फसल बोई थी। इसका उचित भाव न मिलने से पिछले काफी समय से परेशान थे। आलू की फसल में घाटा होने के कारण बेटे ने आत्महत्या कर ली।
यूपी के किसानों द्वारा आलू सड़कों पर फेंके जाने की खबरें आ रही थीं लेकिन उस पर न सरकार, न ही प्रशासन ने ध्यान दिया। कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने की लागत काफी ज्यादा है, इसलिए भी किसान परेशान हैं। किसानों की आत्महत्या की खबरें भी अगर सरकारों के कान तक नहीं पहुंचती हैं तो खेती-किसानी को लेकर सरकार के सारे दावे खोखले हैं।