प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन अक्टूबर को मनाली राष्ट्रीय महत्व की 9,2 किलोमीटर लंबी अटल टनल रोहतांग का उद्धघाटन करेंगे ।
ट्टनल का श्रेय भारत के पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपई को जाता है ,जिन्होंने इसकी मंजूरी 2002 में प्रधान कर दी थी ताकि हिमाचल प्रदेश की महत्वूर्ण लाहौल घाटी को साल भर देश से जोड़ा जाए और मनाली से लेह के लिए सेना को एक वायपल्पिक मार्ग उपलब्ध किया जाय।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दो दिन के लाहुल स्पीति और कुल्लू के दौरे के बाद शिमला पहुंचने के बाद बताया की रोहतांग टनल के निर्माण से देश की सुरक्षा व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी, जिससे वर्षभर इस महत्वपूर्ण सीमावर्ती क्षेत्र में आवागमन की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे के दौरान उनका पारम्परिक तरीके से स्वागत किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस दौरान कोविड-19 से संबंधित सभी मानव संचालन प्रक्रियाओं का ध्यान रखा जाए और इस संबंध में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां लोग प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए खड़े हों, वहां पर भी सामाजिक दूरी बनाई रखी जाए और ज्यादा भीड़ एक स्थान पर न हो पाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर आवश्यक एंबुलेंस का भी प्रबंध रखें तथा आइसोलेशन के लिए आवश्यक व्यवस्था बनाए रखें।
मुख्यमंत्री ने अपने दौरे के दौरान सीमा सुरक्षा संगठन के अधिकारियों के भी चर्चा की और टनल के नरीक्षण भी किया।
अटल टनल रोहतांग का आरम्भ होना कुल्लू तथा लाहौल-स्पीति जिला के निवासियों के लिए ऐतिहासिक माना जा रह है । टनल के निर्माण से पूरे क्षेत्र में आर्थिक विकास की अनेक गतिविधियों का सूत्रपात होगा और विकास की गति तीव्र होगी।
अटल टनल रोहतांग के मुख्य अभियंता एवं सीमा सड़क संगठन के ब्रेडेर केपी पुरूसोथनम ने बताया कि सामरिक महत्व की टनल की बहुत सी विशेषताएं है .ये दुनिया की सबसे लंबी टनल होगी जो कि 1000 फीट की ऊंचाई पर बनी है । टनल के बैनेने से मनाली और केलोंग की दूरी 46 किलोमीटर काम हो जाएगी।
सुरंग के भीतर इमरजेंसी एग्ज़िट बनाए गए हैं और हर
150 मीटर पर टेलिफोन, 60 मीटर पर फायर हायड्रेंट और 500 मीटर पर इमरजेंसी द्वार हैं। टनल के हर
250 मीटर पर सीसीटीवी और एयर क्वालिटी निगरानी सिस्टम लगाया गया है। इस सुरंग के भीतर अधिकतम 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हो सकती है।
प्रधानमंत्री का रात को लाहुल स्पीति में रुकने का भी फैसला है जिस की मुख्यमत्री ने तैयारियां आरंब कर दी है ।वो एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। याद रहे प्रधान मंत्री जब हिमाचल प्रदेश के प्रभारी थे उनका हिमाचल प्रदेश के हर क्षेत्र में प्रभास रहा है जिनमे लाहौल स्पीति का दुर्गम क्षेत्र भी शामिल है । अनुमान है कि अगर उनका लाहौल में रुकना हुआ तो वो उन यादों को जरूर ताज़ा करेंगे ।