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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का झारखंड को तोहफा, दूसरे राज्‍यों से तेज कनेक्टिविटी भी आसान हुई

तीसरी बार प्रधानमंती बनने के बाद पहली बार रांची पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह वंदे भारत...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का झारखंड को तोहफा, दूसरे राज्‍यों से तेज कनेक्टिविटी भी आसान हुई

तीसरी बार प्रधानमंती बनने के बाद पहली बार रांची पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह वंदे भारत ट्रेनों के साथ प्रदेश को रेलवे प्रक्षेत्र में में 660 करोड़ की योजनाओं का तोहफा दिया है। आने वाले दिनों में झारखंड और पड़ोसी राज्‍यों को इसका लाफ मिलेगा। रांची एयरपोर्ट से वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से उन्‍होंने ऑनलाइन शिलान्‍यास किया और वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई। मौसम की खराबी के कारण कड़ी सुरक्षा के बीच सड़क मार्ग से वे टाटानगर गये।

प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन देवघर जिले में मधुपुर बाईपास लाइन और हजारीबाग में हजारीबाग टाउन कोचिंग डिपो की आधारशिला रखी। मधुपुर बाईपास लाइन के पूरा होने के बाद हावड़ा-दिल्ली मेन लाइन पर ट्रेनों के रुकने की समस्या खत्म हो जाएगी। साथ ही गिरिडीह और जसीडीह के बीच यात्रा समय भी कम हो जायेगा। हजारीबाग टाउन कोचिंग डिपो इस स्टेशन पर कोचिंग स्टॉक के रखरखाव में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने कुरकुरा-कनारोअन दोहरीकरण परियोजना को भी राष्ट्र को समर्पित किया। यह बंडामुंडा-रांची सिंगल लाइन खंड का हिस्सा है और रांची, मुरी एवं चंद्रपुरा स्टेशनों के रास्ते राउरकेला-गोमो मार्ग का हिस्सा है। इस परियोजना से माल और यात्री यातायात की गतिशीलता बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्‍त आम लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए चार रोड अंडर ब्रिज को भी राष्ट्र को समर्पित किया।

प्रधानमंत्री ने जिन छह वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई उनमें टाटानगर – पटना, भागलपुर - दुमका- हावड़ा, ब्रह्मपुर - टाटानगर, गया - हावड़ा, देवघर – वाराणसी तथा राउरकेला - हावड़ा हैं। इन वंदे भारत ट्रेनों से नियमित यात्रियों, पेशेवरों, व्यापारियों और छात्रों को विशेष लाभ होगा। इनसे देवघर (झारखंड) में बैद्यनाथ धाम, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में काशी विश्वनाथ मंदिर, कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में कालीघाट, बेलूर मठ जैसे तीर्थ स्थलों तक तेज गति से परिवहन की सुविधा से धार्मिक पर्यटन को प्रोत्‍साहन मिलेगा। साथ ही धनबाद के कोयला उद्योग, कोलकाता के जूट उद्योग, दुर्गापुर के लौह और इस्पात संबद्ध उद्योगों को भी काफी प्रोत्‍साहन मिलेगा।

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