भारतीय पुलिस सेवा के 1995 बैच के अफसर अभिनव कुमार को उत्तराखंड का पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें तरजीह दी है तो इसकी कई वजहें भी हैं। अभिनव की गिनती युवा और तेजतर्राज अफसरों में तो होती ही है, उनके नाम का अपराधियों में खौफ भी है। एक दिसंबर को बतौर डीजीपी कार्यभार संभालने वाले अभिनव कुमार का कहना है कि उत्तराखण्ड पुलिस को देश की टॉप-5 पुलिस में शामिल करना उनकी शीर्ष प्राथिमता है। इस दिशा में उन्होंने पहले रोज से ही काम शुरू कर दिया है। अपराधियों को उत्तराखंड पुलिस का इकबाल करना ही होगा। बेहतर काम करने वालों को सम्मान दिया जाएगा और किसी भी तरह की लापरवाही सामने आने पर किसी भी अफसर या कर्मी को बख्शा नहीं जाएगा। डीजीपी अभिनव से कई मुद्दों पर बात हुई और उन्होंने बेबाक अंदाज में जवाब दिए।
-सूबे में साइबर क्राइम बढ़ रहा है और इसे हल करने में माहिर पुलिस की संख्या बेहद कम है। इस पर आपका क्या कहना है।
- बढ़ते साइबर अपराधों पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी तथा तकनीकी रूप से सुदृढ़ टीमों का हर जनपद में गठन किया जायेगा, जो राज्य स्तर पर गठित एसटीएफ से तालमेल बनाकर कार्यवाही सुनिश्चित करेगी। इसके लिए अधिक पुलिस कर्मियो को प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा।
- प्रायः देखने में आता है कि महिला अपराधों के प्रति पुलिस कुछ ज्यादा संवेदनशील नहीं रहती है। इस पर कैसे अंकुश लगाएंगे।
- उन्होंने सभी जिला पुलिस अफसरों को साफ कर दिया है कि महिला अपराधों के प्रति और अधिक संवेदनशीलता बरती जाए। तथा अपराध घटित होने पर त्वरित विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी। किसी भी तरह की लापरवाही को सहन नहीं किया जाएगा।
- बढ़ते अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए क्या पुख्ता इंतजामात किए जा रहे हैं।
- अपराधों की प्रभावी रोकथाम हेतु Traditional Policing को मजबूत किया जाएगा। अपराधों के खुलासे में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। अपराध घटित होने पर अनावरण हेतु ठोस व सार्थक प्रयास किये जायेंगे। इस बारे में सभी को ताकीद कर दी गई है।
- कई बार देखने में आता है कि पुलिस वारदात का खुलासा करके वाहवाही तो लूट लेती है। पर चोरी गए या लूटे गए सामान की बरामदगी नहीं होती है।
- लूटी गई अथवा चोरी गई सम्पत्ति का रिकवरी प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। अब माल की बरामदगी को ही वारदात का सही खुलासा माना जाएगा।
- पुलिस वारदात का खुलासा करके अभियुक्तों को गिरफ्तार तो कर लेती है पर उन्हें अदालत ने आसानी से बरी होने का मौका मिल जाता है। इसे कैसे देखते हैं आप।
- इस विषय पर भी उनका ध्यान गया है। हमारी कोशिश होगी कि माननीय न्यायालय में प्रभावी पैरवी कर सजायावी प्रतिशत को और बढ़ाया जाए। इस बारे में अभियोजना विभाग को ठोस कार्ययोजना बनाकर काम करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
- सूबे के मैदानी जनपदों में भूमाफिया का दखल खासा बढ़ता दिखाई दे रहा है। कई बार तो ये पुलिस पर भी भारी साबित होते दिख रहे हैं।
- पहाड़ को या मैदान, भूमाफियाओं के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। गम्भीर प्रकृति के अपराधों में लिप्त तत्वों पर गुंडा व गैंगस्टर अधिनियम के तहत निरोधात्मक कार्यवाही करते हुए उनकी सम्पत्ति जब्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी। इस विषय में उनका नजरिया एकदम स्पष्ट है। उत्तराखंड में इस तरह ही माफियागीरी अब नहीं चलने वाली।
- राज्य के राजधानी समेत मैदानी इलाकों में जाम की बहुत बड़ी समस्या है। यातायात नियमों का पालन करने में भी नागरिक कोताही बरतते दिख रहे हैं।
- जाम की समस्या से निपटने के लिए प्लान बनाया जा रहा है। देहरादून में स्कूलों से बात की जा रही है। दिन के वक्त भारी वाहनों का शहर में प्रवेश रोकने को कह दिया गया है। यातायात और सड़क सुरक्षा के प्रति सचेत करने हेतु जन जागरूकता अभियान चलाए जाएगे तथा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही भी की जाएगी।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उत्तराखंड को 2025 तक नशा मुक्त करने की बात की है। आपकी पुलिस इस दिशा में क्या करने वाली है।
- राज्य को नशामुक्त करने हेतु अभियान और प्रभावी रूप से चलाया जाएगा। ड्रग माफिया से कठोरता से निपटा जाएगा।
- आबादी के लिहाज से सूबे में पुलिस कर्मियों को संख्या काफी कम है। इस दिशा में आप क्या करने वाले हैं।
- पुलिस कार्यबल में वृद्धि हेतु नियतन के सापेक्ष जो रिक्तियों वर्तमान में विद्यमान हैं, उनको भरने हेतु पूरे प्रयास किये जायेंगे ताकि पुलिस की मौजूदगी को अधिक सुनिश्चित किया जा सके।