दतिया राजपरिवार में संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा विवाद थाने तक पहुंच गया है। राजवंश की महारानी और उसके पुत्र ने सेंवढ़ा विधायक और चचेरे भाई के खिलाफ डारने और मारपीट करने की शिकायत की है। शिकायतों के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ थाने में प्रकरण दर्ज भी कर लिया है।
यह विवाद पुश्तैनी किले और संपत्ति पर कब्जे को लेकर है, जिसका बाजार मूल्य करीब 700 करोड़ रुपये है। महारानी हेमलता और उनके पुत्र गिरिराज सिंह का कहना है कि किले का एक हिस्से पर उनका मालिकाना हक है। दूसरे हिस्से पर रिश्तेदार और सेवढ़ा विधायक घनस्याम सिंह का कब्जा है। अब महारनी की शिकायत है कि उनको किले से बेदखल किया जा रहा है।
विधायक सिंह के चचेरे भाई गिरिराज सिंह ने का कहना है कि विधायक सिंह ने उनकी 700 करोड़ की संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। वे लखनऊ और बलरामपुर में रहकर व्यवसाय करते हैं। कभी-कभी पैतृक किले पर आते हैं। किले के जिस हिस्से में रहते हैं, 3 नवंबर को जब वे यहां आए तो वहां के ताले तोड़कर साफ-सफाई की जा रही थी। इस पर उन्होंने सवाल किया कि उनके हिस्से के ताले कैसे तोड़े गए। इस पर घनश्याम सिंह के समर्थकों ने मारपीट की और अब झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी। घनश्याम सिंह ने साजिश कर किले की संपत्ति पर कब्जा कर लिया है। दतिया जिले में लगभग 700 करोड़ की संपत्ति उनके अधिकार क्षेत्र की है। इसके लिए कोर्ट में बंटवारा भी फाइल किया है। आरोप है कि विधायक ने राजमाता हेमलता के साथ भी मारपीट और झूमा-झटकी की है।
दूसरी ओर घनस्याम सिंह सेवढ़ा विधायक का कहना है कि संपत्ति का कोई विवाद ही नहीं है। गिरिराज सिंह के परिवार से पहले ही बंटवारा हो चुका है। दतिया किले पर इनका कोई हक नहीं है।