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राजस्थानः शराबियों से वसूले सेस से होगा गायों का संवर्धन

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने गायों के संवर्धन, विकास और सुरक्षा के लिए शराबियों से सेस वसूलने का...
राजस्थानः शराबियों से वसूले सेस से होगा गायों का संवर्धन

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने गायों के संवर्धन, विकास और सुरक्षा के लिए शराबियों से सेस वसूलने का फैसला किया है। इसके लिए राजस्थान की सरकार ने प्रस्ताव पारित कर दिया है। अब इसके चलते शराब के दाम बढ़ने निश्चित हैं, हालांकि बीते 15 दिन से राजस्थान में शराब के अवैध रूप से दाम बढ़े हुए हैं। शराब का कारोबार करने वाले दुकानदार एमआरपी से ऊपर पैसे ले रहे हैं और खुलेआम यह वसूली हो रही है। जिसे लेकर न पुलिस कार्रवाई कर रही है, न आबकारी विभाग और न ही जिला प्रशासन ने अब तक सख्ती दिखाई है।

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक गाय के संवर्धन के लिए राज्य सरकार सभी तरह की शराब पर सरचार्ज लगा सकती है। प्रदेश सरकार ने शराब पर सरचार्ज और उसके साथ ही स्टांप पेपर पर भी सेस बढ़ाने को लेकर एक प्रस्ताव दिया है। राज्य में गाय संवर्धन का यह प्रस्ताव तब आया है, जब राजे सरकार गायों की सुरक्षा के लिए पहले ही स्टांप ड्यूटी पर अधिभार को दोगुना करने का प्रस्ताव तैयार कर चुकी है।

बीजेपी की सत्ता और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अगुवाई वाली राजस्थान सरकार के लिए गौ संरक्षण व सुरक्षा हमेशा से ही एक केंद्र बिंदू रहा है। इसको लेकर बीजेपी के ही विधायकों ने कई बार सरकार को घेरने का काम किया है। खासकर गायों को मिलने वाले अनुदान को कम किए जाने के बाद पूर्व मंत्री और बीजेपी के ही वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने इनको भाजपा के लिए आत्मघाती करार दिया था। इससे पहले भी गत वित्त वर्ष की शुरुआत में राजे सरकार ने गायों के संवर्धन व सुरक्षा के लिए सभी गैर-न्यायिक वस्तुओं पर 10 फीसदी कर लगाया था। इसके तहत सभी प्रकार रेंट एग्रीमेंट, लीज एग्रीमेंट बनाने वालों को अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा। इस मामले में ग्रामीण एवं पंचायती राज मंत्री राजेंद्र सिंह राठौर ने कहा है कि अभी तक भी यह एक प्रस्ताव है, जिसपर अंतिम निर्णय सीएम वसुंधरा राजे को ही लेना है।

पहले बढ़े दाम पर हुआ था विवाद

राजस्थान में पिछले करीब एक पखवाड़े से शराब के दाम अवैध रूप से बढ़कर वसूले जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि उच्च अधिकारियों के द्वारा ही यह निर्णय लिया गया है। एक सूत्रों ने बताया कि राजे सरकार ने अभी तक सेस की रेट और शराब पर लगने वाले अधिभार को अंतिम रूप देने के लिए ही राय ली जा रही है। इसी साल के अंत में चुनाव होने हैं और ऐसे वक्त में यदि सरकार शराब के शौकीनों पर कोई अतिरिक्त भार डालती है, तो यह बीजेपी को भारी पड़ सकता है, मगर गाय के चाहने वालों में इससे खुशी भी है। शराब पर पहले ही अवैध वसूली का डंडा चला हुआ है, जो सरकार के लिए परेशानी पैदा करने का काम कर रहा है।

यह भी कहानी की सच्चाई

राज्य में आज की तारीख में 9.6 लाख बोवाइन हैं, जिसको जिंदा रखने के लिए 12 माह में 980 करोड़ रुपये की जरूरत है। राज्य सरकार हिंदू वोटर्स को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मंदिर तोड़ने को लेकर राजे सरकार आरएसएस के भी निशाने पर बताई जाती है। ऐसे में उनका इरादा नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इन गौ शालाओं के लिए अनुदान देने का है। राजस्थान संपत्ति पंजीकरण पर स्टांप की वर्तमान दरें पुरुषों के लिए पांच और महिलाओं के लिए चार फीसदी है। यदि योजना लागू होती है तो राज्य के शराबियों के अलावा गौ संरक्षण के लिए आम नागरिकों में अधिभार का 20 फीसदी इसके अतिरिक्त देय होगा।

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