केरल के सबरीमाला मंदिर विवाद पर एक बार फिर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। रविवार सुबह भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए 11 महिलाओं ने जंगल के रास्ते से जाने की कोशिश की। इन महिलाओं की उम्र 50 साल से कम बताई जा रही है। लेकिन वह प्रदर्शनकारियों के रहते हुए मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाईं। प्रदर्शनकारी वहां विरोध में मंत्रों का जाप कर रहे थे। इसके बाद महिलाओं को वापस लौटना पड़ा।
सड़क पर बैठीं महिलाएं, हिरासत में प्रदर्शनकारी
चेन्नई स्थित मैनिथी नामक संगठन से आने वाली ये महिलाएं अब पंबा में सड़क पर बैठ गईं। इनकी सुरक्षा के लिए वहां पुलिस भी मौजूद रही। पथानामथिट्टा जिले के मजिस्ट्रेट ने तनाव को देखते हुए 27 दिसंबर तक धारा 144 बढ़ा दी है। महिलाओं के इस समूह के आगे अयप्पा श्रद्धालुओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे कई श्रद्धालुओं को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया। बाद में महिलाओं को वापस जाना पड़ा।
परंपरागत पोशाक में आई इन महिलाओं ने मंदिर में दर्शन के लिए पुलिस से सहायता की भी मांग की। वहीं, भाजपा की नेता शोभा सुरेंद्रन महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ भूख हड़ताल कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने हटाया था प्रतिबंध
सबरीमाला मंदिर में 10-50 आयु वर्ग की महिलाओं के आने पर बहुत पुराने समय से प्रतिबंध लगा हुआ है। लेकिन देश के सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला देते हुए सभी महिलाओं पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया। 28 सितंबर को आए इस फैसले के बाद से ही कई महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश की कोशिश की लेकिन वह नाकाम रहीं। उसी दिन से यहां कोर्ट के फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है।