पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने चक्रवात फेंगल से हुए नुकसान का आकलन करनेकी बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है और राहत के लिए इसे केंद्र को भेजा जाएगा।
पुडुचेरी के गृह मंत्री ए नमस्सिवयम ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सोमवार को पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे।
30 नवंबर को पुडुचेरी के निकट पहुंचने के बाद चक्रवात फेंगल रविवार को कमजोर पड़ गया, लेकिन इसके प्रभाव के कारण हुई मूसलाधार बारिश ने केंद्र शासित प्रदेश को अस्त-व्यस्त कर दिया, जिसके बाद सेना को जलमग्न सड़कों पर फंसे लोगों को निकालने के लिए आगे आना पड़ा।
अधिकारियों ने बिना कोई विस्तृत जानकारी दिए बताया कि चार लोगों की मौत हो गई।
पूरे क्षेत्र में बंद पड़ी बिजली आपूर्ति सोमवार सुबह चरणबद्ध तरीके से बहाल कर दी गई। अधिकारियों ने बताया कि बिजली विभाग के कुछ सब स्टेशनों में पानी भर गया था और पानी को बाहर निकालने के लिए तत्काल कदम उठाए गए।
उन्होंने बताया कि वेंकट नगर, कामराज नगर, वल्लालर सलाई, कामराजार सलाई और कई आवासीय कॉलोनियों में पानी भर गया और निवासी घर के अंदर ही रहे। मुख्यमंत्री ने रविवार को पुडुचेरी और उसके आसपास के वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
रंगासामी ने संवाददाताओं को बताया कि चक्रवात फेंगल और पुडुचेरी तथा कराईकल क्षेत्रों में भारी वर्षा से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है तथा एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। उपराज्यपाल के. कैलाशनाथन ने भी बारिश से प्रभावित कई इलाकों का दौरा किया।
इस बीच, पुडुचेरी के जिला कलेक्टर ए कुलोथुंगन ने सोमवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सबसे भारी बारिश दर्ज की गई है और यह पहली बार है कि पिछले 50 वर्षों के दौरान पुडुचेरी में इतनी भारी बारिश दर्ज की गई है।
उन्होंने एक विज्ञप्ति में कहा कि राहत शिविर खोले गए हैं और बाढ़ में फंसे लोगों को शिविरों में पहुंचाया गया है, जहां उन्हें भोजन के पैकेट दिए गए हैं।
कलेक्टर ने बताया कि अरक्कोणम (तमिलनाडु) से आई राष्ट्रीय आपदा मोचन बल टीम तथा रक्षा विभाग द्वारा तैनात सैन्यकर्मियों की मदद से वरिष्ठ नागरिकों सहित अनेक लोगों को उनके घरों से निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया।
कुलोथुंगन ने कहा कि पांडिचेरी हेरिटेज राउंड टेबल 167 सहित स्वयंसेवी संगठनों ने स्वेच्छा से भोजन के पैकेट तैयार किए और उन्हें राहत शिविरों में रहने वालों को दिए।