अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की रविवार को प्रस्तावित 3210 पदों पर होने वाली नलकूप चालक परीक्षा का पेपर शनिवार को ही मेरठ में आऊट हो गया। मामले की जानकारी होने पर आयोग ने शनिवार रात परीक्षा तो टाल दी, लेकिन नई तिथियों की घोषणा अभी नहीं की है। मामले में एसटीएफ ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
नलकूप चालक भर्ती परीक्षा का विज्ञापन सपा सरकार के दौरान 2016 में जारी किया गया था। पहले इसमें स्क्रीनिंग परीक्षा के बाद साक्षात्कार के जरिये चयन होना था, लेकिन सरकार बदलने के बाद इसकी प्रक्रिया रोक दी गई थी। बाद में आयोग ने सिर्फ लिखित परीक्षा के आधार पर ही चयन का फैसला किया। इसके लिए शासन ने मंजूरी दे दी थी। इसके बाद ही परीक्षा की तिथियां घोषित की गईं। प्रदेश के आठ जिलों लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ, आगरा और बरेली में रविवार को परीक्षा होनी थी। इसके लिए तैयारी भी पूरी कर ली गई थी और संबंधित जिलों में परीक्षा संपन्न कराने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी की गई थी। इसमें करीब दो लाख पांच हजार 376 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
मेरठ कैंट से हुई गिरफ्तारी
एसटीएफ ने नलकूप चालक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक करने वाले मेरठ के गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने 11 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें पांच अभ्यर्थी और छह प्रश्न पत्र आऊट कराकर नकल कराने वाले लोग शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों से दर्जनों मोबाइल फोन, प्रवेश पत्र, लगभग 15 लाख कैश और अन्य डाक्यूमेंट्स बरामद किए गए हैं। पुलिस की पूछताछ में ये खुलासा हुआ है कि यह गिरोह प्रत्येक स्टूडेंट्स से परीक्षा पास कराने के ऐवज में छह से सात लाख रुपये की वसूली करते थे और अपनी सेटिंग से परीक्षा से एक रात पहले ही पेपर निकलवा कर अभ्यर्थियों को किसी स्थान पर बुला कर याद कराते थे। एसटीएफ के अधिकारी ने बताया कि इस गैंग ने काफी दिन से अपना ठिकाना मेरठ के इलाके में बना रखा था। पुलिस ने जब सूचना के आधार पर छापेमारी की तो सभी मेरठ कैंट स्टेशन के पास ग्राउंड में नकल करते और कराते हुए पकड़े गए।