महाराष्ट्र पुलिस ने 19 मई को पुणे में हुई पोर्श कार दुर्घटना में शामिल नाबालिग के पिता और दादा तथा तीन अन्य लोगों के खिलाफ शहर में एक व्यवसायी के बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित एक अलग मुकदमा दर्ज किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, इस संबंध में पुणे के वडगांव शेरी इलाके में निर्माण व्यवसायी डी. एस. कतुरे ने विनय काले नाम के व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। डी. एस. कतुरे के बेटे शशिकांत कतुरे ने निर्माण कार्य के लिए विनय काले से ऋण लिया था।
पुलिस ने बताया कि कतुरे जब समय पर ऋण नहीं चुका सका तो काले ने मूल राशि पर चक्रवर्ती ब्याज लगाने की कथित रूप से धमकी देकर उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पुलिस के मुताबिक, प्रताड़ना से परेशान होकर शशिकांत कतुरे ने इस साल जनवरी में आत्महत्या कर ली।
शहर के चंदननगर थाने में काले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस अधिकारी ने बताया, ”आत्महत्या के मामले में जांच के दौरान नाबालिग के पिता (बिल्डर), दादा और तीन अन्य लोगों की भूमिका सामने आई। हमने अब मामले में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 34 (समान इरादा) को भी जोड़ दिया है।”