पंजाब की कैप्टन अमरिदंर सिंह सरकार ने अपने कार्यकाल का आखिरी बजट सोमवार को पेश किया। 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने अपने बजट में तमाम वर्गों को लुभाने की कोशिश की है। कोरोना के चलते आर्थिक संकट से जूझती पंजाब सरकार ने इसकी परवाह न करते हुए जहां वृद्धावस्था पेशन 750 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 1500 रुपए की है वहीं किसी भी जाति की विधवाओं और अनुसूिचत जाति की लड़कियों की शादी में सरकारी शगुन की राशि 21000 रुपए से बढ़ाकर 51000 रुपए की गई है। बढ़ी हुई पेंशन व शगुन राशि एक जुलाई 2021 से मिलेगी। 60 वर्ष से अधिक की महिलाओं और छात्राओं को सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की घोषणा की गई है। 12वीं के सरकारी स्कूलों के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने के लिए अगले वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपए के स्मार्ट फोन दिए जाएंगे।
1,68,015 करोड़ रुपए के 2021-22 के बजट में वित्त मंत्री मनप्रीत बादल का जोर कृषि व स्वास्थ्य क्षेत्र पर रहा है। दरअसल किसान आंदोलन के समर्थन का फायदा कांग्रेस को स्थानीय निकाय व नगर पंचायत चुनाव में भारी जीत के रुप में मिला हे और इसी फायदे को आगामी विधानसभा चुनाव में भी अपने पक्ष में भुनाने के लिए सरकार ने बजट में किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाआंे की घोषणा की है। कैप्टन को भरोसा है कि अगले चुनाव मंे भी पंजाब में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी इसलिए किसानों की कल्याणकारी योजनाओं का अगले तीन साल का रोडमैप बजट में पेश किया गया है। किसानों के मुफ्त बिजली की सुविधा जारी रखते हुए बजट में आगामी वित्त वर्ष के लिए 7180 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के बीच पैंठ और गहरी करने के लिए अमरिंदर सिंह की सरकार के आखिरी बजट में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले 1712 करोड़ रुपए की कर्ज माफी छोटे किसानों व खेत मजदूरों की होगी। चार साल के कार्यकाल में अभी तक 5.83 लाख छोटे व सीमांत किसानों के दो लाख रुपए तक के कुल 4624 करोड़ रुपए के कर्ज माफ हो चुके हैं। आगामी वित्त वर्ष में 1.13 लाख किसानों और खेतीहर मजदूरांे के 1712 करोड़ रुपए के कर्ज माफ होंगे। किसानों को गेहूं व धान के फसली चक्र से निकालने को फसल विविधीकरण के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है।
‘कामयाब किसान, खुशहाल पंजाब स्कीम के तहत किसानों की जीविका की सुरक्षा के लिए अगले तीन साल इस स्कीम तहत 3780 करोड़ रुपए की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इसमें 2021-22 के लिए 1104 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। आमदन बढ़ाने के लिए किसानों को परंपरागत फसली चक्र से दूर बागवानी की ओर मोड़ा जाएगा। इसके लिए राज्य के सभी जिलों में अगले पांच साल में 25 बागवानी इस्टेट स्थापित किए जाएंगे। आगामी वित्त वर्ष में स्थापित किए जाने वाले पांच बागवानी इस्टेट पर सरकार 80 करोड़ रुपए खर्च करेगी। अमृतसर में 24 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित किया जाने वाला बागवानी शौध एंव शिक्षा केंद्र 2022 तक शुुरु हो जाएगी। राज्य पर कुल कर्ज का बोझ बढ़कर 2021-22 में 2.73 लाख करोड़ रुपए संभावित है पर चुनावी बजट को लुभावना बनाने के लिए कैप्टन सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
कोरोना काल में करीब 35 फीसदी राजस्व संग्रह में कमी के चलते आर्थिक संकट से जूझती कैप्टन सरकार को उम्मीद है कि आगामी वित्त वर्ष मंे सरकार को जीएसटी,वैट,एक्साइज में करीब 40 फीसदी बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी और कल्याणकारी योजनाओं के साथ विकास की योजनाएं भी सिरे चढंेगी। आउटलुक से बातचीत में वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि राज्य के माली हालात अच्छे होने के आसार हैं इसलिए सरकार ने अागामी वित्त वर्ष में पूंजीगत खर्च को मौजूदा वित्त वर्ष के 6821 करोड़ रुपए के बजट से बढ़ाकर 14134 करोड़ रुपए कर दिया है।