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पंजाब के मंत्री ने कहा, मोगा बस पीड़िता की मौत ईश्वर की मर्जी

पंजाब के शिक्षा मंत्री सुरजीत सिंह राखड़ा ने यह कहकर एक विवाद को हवा दे दी है कि मोगा में छेड़छाड़ के बाद बस से धकेली गई लड़की की मौत ईश्वर की मर्जी थी।
पंजाब के मंत्री ने कहा, मोगा बस पीड़िता की मौत ईश्वर की मर्जी

उल्लेखनीय है कि गुरूवार को बादल परिवार की एक परिवहन कंपनी की एक बस में यह हादसा हुआ, जिसमें एक मां बेटी के साथ छेड़छाड़ के बाद दोनों को चलती बस से नीचे धकेल दिया गया, जिसमें बेटी की मौत हो गई और मां घायल हो गई। उन्होंने कहा, दुर्घटनाओं को कोई रोक नहीं सकता। जो कुछ हुआ वह ईश्वर की मर्जी थी। राखड़ा ने कहा, हमारे साथ कभी भी दुर्घटना हो सकती है जो कुछ हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। आप कुदरत की मर्जी के खिलाफ नहीं जा सकते।

इस बीच हादसे की शिकार लड़की के परिजनों ने सरकारी मुआवजे को ठुकराते हुए वाहन के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और लड़की का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। मोगा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जतिन्दर सिंह खेहरा ने कहा, इस मामले (लड़की के अंतिम संस्कार) पर कोई रास्ता नहीं निकल पाया है। लड़की का शव यहां सिंघावाला गांव में एक शव गृह में रखा गया है। राज्य सरकार की लड़की के परिवार को उसके अंतिम संस्कार के लिए राजी करने की सारी कोशिशें बेकार रहीं।

उन्होंने 20 लाख रूपए के मुआवजे, लड़की की मां के लिए सरकारी नौकरी, उसका निशुल्क इलाज और मामले की सुनवाई त्वरित अदालत में कराने जैसी तमाम पेशकश ठुकरा दी। परिवार इस बात पर जोर दे रहा है कि बस के मालिकों ओरबिट एविएशन के खिलाफ अपराध के सिलसिले में मामला दर्ज किया जाए, उसका परमिट रद्द किया जाए। आम आदमी पार्टी लड़की के परिजन की इस मांग का समर्थन कर रही है। लड़की के पिता ने शुक्रवार को कहा था, मैं इंसाफ चाहता हूं। मैं अपनी बेटी के लिए इंसाफ चाहता हूं।

वह बस जिन लोगों की है उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या वह सुखबीर बादल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाना चाहते हैं, उन्होंने कहा, उसके (बादल के) खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हो सकती है आखिरकार वह भी तो एक इंसान ही है। उन्होंने इसके साथ ही शुक्रवार को सवाल किया था, क्या दुनिया में ऐसा कोई नहीं है, जो उनके (बादल के) खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सके।

गुरूवार को 13 साल की लड़की को उसकी मां के साथ बस में सवार कुछ लोगों ने, जिनमें बस का कंडक्टर शामिल था, चलती बस से नीचे धकेल दिया था क्योंकि उन दोनों ने छेड़छाड़ का विरोध किया था। इस बीच प्रताप सिंह बाजवा के नेतृत्व वाली पंजाब कांग्रेस ने राज्य में कानून और व्यवस्था के बिगड़ते हालात और किसानों की समस्याओं की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए दोपहर में एक घंटे के लिए रेल रोको आंदोलन का आवान किया है।

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