दशहरे के दिन अमृतसर में हुए ट्रेन हादसे के बाद पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिद्धू ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया है कि जो बच्चे अनाथ हुए हैं उनकी जिम्मेदारी वह उठाएंगे। सिद्धू ने ताउम्र उन परिवारों का खर्च उठाने की बात की है जिन परिवारों में अब कोई कमाने वाला नहीं बचा। सिद्धू ने कहा कि उन्होंने जिंदगी में एक वादा किया था कि गुरु की धरती अमृतसर से ही चुनाव लड़ेंगे और आज दूसरा वादा कर रहे हैं कि अब अनाथ हुए परिवारों का पालन वो करेंगे। इससे पहले सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर की आलोचना हुई थी। साथ ही सिद्धू ने मृतकों के परिवार वालों को पंजाब सरकार की तरफ से 5-5 लाख रुपए की मुआवजा राशि भी दी।
‘रेलवे को क्लीनचिट देने की जल्दी थी’
सिद्धू ने कहा कि रेलवे को जांच करने की नहीं क्लीनचिट देने की जल्दी थी। उनके साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आरोप लगाया कि रेलवे ने सबूतों को नष्ट कर दिया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जोड़ा फाटक से 200 मीटर दूर दशहरा मनाया जा रहा था, यह गेटमैन को क्यों नहीं दिखा? 10 मिनट पहले वहां से गुजरी एक ट्रेन धीमी रफ्तार से निकल सकती है तो दूसरी क्यों नहीं? ड्राइवर को किस बात की जल्दी थी? वह इतनी स्पीड में क्यों भागे जा रहा था? इमरजेंसी ब्रेक किस तरह लगाए गए कि ट्रेन रुकी ही नहीं?
‘बुलेट ट्रेन चलाने की बात करते हैं, डीएमयू नहीं चला पाते’
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि प्रार्थना सभा बीत जाने के बाद वह प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल के सवालों का जवाब देंगे। जाखड़ ने कहा कि केंद्र सरकार पर तरस आता है कि वह बुलेट ट्रेन चलाने की बात करती है लेकिन डीएमयू भी नहीं चला पा रही है। जाखड़ ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर की सरकार ने भी मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी देने की बात की है।