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पंजाब का हरियाणा को पानी देने से इनकार, पुलिसिया पहरे के बीच नंगल डैम पर मान सरकार का धरना

भाखड़ा के पानी पर पुलिसिया पहरे के बीच पंजाब की भगवंत मान सरकार ने नंगल डैम पर धरना लगा दिया है। वर्तमान...
पंजाब का हरियाणा को पानी देने से इनकार, पुलिसिया पहरे के बीच नंगल डैम पर मान सरकार का धरना

भाखड़ा के पानी पर पुलिसिया पहरे के बीच पंजाब की भगवंत मान सरकार ने नंगल डैम पर धरना लगा दिया है। वर्तमान में इस डैम से हरियाणा को प्रतिदिन 4000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है पर केंद्र सरकार के दखल से 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी पंजाब देने को राजी नहीं है। केंद्र सरकार के दबाव के विरोध में रविवार को खुद नंगल डैम पर धरने की शुरूआत करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि “पहले ही हरियाणा को उसके कोटे से अधिक पानी दिया जा चुका है। अब पंजाब का और पानी नहीं लूटने देंगे।“ 

हरियाणा को भाखड़ा से अतिरिक्त पानी को लेकर एक मई से पंजाब व हरियाणा के बीच छिड़े जल युद्ध पर विराम नहीं लगा है। बीते दो हफ्ते से नंगल बांध पर पंजाब पुलिस का पहरा है। जल बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों में छिड़े विवाद को लेकर हालांकि केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने 2 मई को बीबीएमबी और पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के आला अधिकारियों से बैठक में पंजाब सरकार को नंगल बांध से पुलिस पहरा हटाए जाने व हरियाणा को अगले आठ दिन 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के आदेश दिए थे,जिसे पंजाब सरकार ने पूरी तरह से नकार दिया है।  

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि हरियाणा का हिस्सा 1700 क्यूसेक पानी बनता है जबकि 4000 क्यूसेक पानी पहले से ही दिया जा रहा है।

3 मई को सर्वदलीय बैठक के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा,“ सवैंधानिक पद पर आसीन पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा का पानी रोक कर असैंवेधानिक काम किया है। यह पहली बार है जब भाखड़ा से हरियाणा को जलापूर्ति रोकी गई है। बीबीएमबी ने हरियाणा को 8500 क्यूसिक पानी देने का फैसला किया था जिसे मान सरकार ने लागू नहीं किया। पंजाब पहले से ही आवंटित हिस्से से अधिक पानी का इस्तेमाल कर रहा है। हरियाणा को उसके हिस्से का पानी देने के बजाय पंजाब को यह मंजूर है कि पानी हमारे मासूमों का खून बहाने वाले दुश्मन देश पाकिस्तान को जाता रहे ”।

बीते 18 अप्रैल से पंजाब ने भाखड़ा नहर से हरियाणा को 8500 क्यूसिक पानी घटाकर 4 हजार क्यूसिक कर दिया था। पानी पर छिड़े बवाल को लेकर पंजाब सरकार ने 5 मई को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर भाखड़ा से हरियाणा को अतिरिक्त पानी न दिए जाने का प्रस्ताव पारित किया। भाखड़ा से कम पानी मिलने से हरियाणा के आठ जिलों रोहतक, झज्जर, हिसार, दादरी, नारनौल, सिरसा, फतेहाबाद और भिवानी के ग्रामीण इलाकों में पेयजल इमरजेंसी के हालात पैदा हो गए हैं। भीषण गर्मी के बीच भाखड़ा से जलापूर्ति घटने से जलसंकट को लेकर अलर्ट मोड पर आए इन जिलों के कई ग्रामीण इलाकों के जलघर सूख गए हैं।

पंजाब के इस फैसले के विरोध में हरियाणा द्वारा पंजाब के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई में हाईकोर्ट ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी छोड़े जाने और नंगल डैम से पंजाब पुलिस का पहरा हटाए जाने के निर्देश दिए पर इन्हें लागू न किए जाने की सूरत में हाईकोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा और डीजीपी गोरव यादव को अवमानना नोटिस जारी किया है पर पंजाब हरियाणा को अतिरिक्त पानी न देने पर अड़ा है।

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