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ओडिशा ट्रेन हादसा: पटरियों की मरम्मत के बाद बालासोर से गुजरी पुरी वंदे भारत, सीआरएस ने शुरू की जांच

ओडिशा में रेल हादसे के बाद पहली उच्च गति वाली यात्री ट्रेन ‘हावड़ा-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस’...
ओडिशा ट्रेन हादसा: पटरियों की मरम्मत के बाद बालासोर से गुजरी पुरी वंदे भारत, सीआरएस ने शुरू की जांच

ओडिशा में रेल हादसे के बाद पहली उच्च गति वाली यात्री ट्रेन ‘हावड़ा-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस’ सोमवार को सुबह बालासोर से गुजरी। इसके साथ ही रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने दो जून को हुए रेल हादसे की जांच शुरू कर दी है जिसमें कम से कम 275 लोगों की मौत हो गयी।

अधिकारियों ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस ने सोमवार को सुबह करीब साढ़े नौ बजे बाहानगा बाजार स्टेशन को पार किया। उन्होंने बताया कि अप और डाउन दोनों लाइन पर पटरियां अब ट्रेनों के परिचालन के लिए तैयार हैं।

अधिकारियों ने बताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दुर्घटनास्थल पर मौजूद थे और तेज गति वाली ट्रेन के गुजरने पर उन्होंने चालकों की तरफ हाथ हिलाया।

दो और यात्री ट्रेनें ‘हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस’ और ‘भुवनेश्वर-नयी दिल्ली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस’ भी सोमवार को सुबह क्रमश: अप और डाउन लाइन से गुजरीं।

वैष्णव ने बताया कि अप लाइन और डाउन लाइन पटरियों की मरम्मत का काम रविवार रात को पूरा हो गया।

इस बीच, रेलवे सुरक्षा आयुक्त (दक्षिण-पूर्वी मंडल) शैलेश कुमार पाठक ने रेल हादसे की जांच शुरू कर दी है और उन्होंने बाहानगा स्टेशन बाजार स्टेशन पर दुर्घटना स्थल का दौरा किया।

उन्होंने नियंत्रण कक्ष, सिग्नल कक्ष का भी दौरा किया, स्टेशन प्रबंधक से बात की और इंटरलिंकिंग प्रणाली भी देखी जिसके कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस ने लूप लाइन में प्रवेश किया था जिससे दो जून को यह त्रासद घटना हुई।

पाठक ने दुर्घटनास्थल पर पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने जांच शुरू कर दी है। इसमें वक्त लगेगा। जांच खत्म होने के बाद ही दुर्घटना की असली वजह का पता चलेगा।’’

इससे पहले, रविवार रात को करीब 10 बजकर 40 मिनट पर विशाखापत्तनम बंदरगाह से राउरकेला इस्पात संयंत्र तक कोयले से लदी एक मालगाड़ी भी बालासोर से गुजरी थी।

दुर्घटना स्थल से ट्रेनें धीमी गति से गुजर रही हैं।

गौरतलब है कि बालासोर में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश करने के बाद वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे की चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी। इस दुर्घटना में कम से कम 275 लोगों की मौत हुई है।

जांचकर्ता तीन ट्रेनों के आपस में टकराने की घटना के पीछे संभावित मानवीय भूल, सिग्नल की नाकामी और अन्य वजहों की तलाश कर रहे हैं।

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